एजेंसी समाचार
लखनऊ। योगी सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर सिंगापुर और उसकी कंपनियां उत्तर प्रदेश में आर्थिक सहयोग और निवेश करने को लेकर उत्साहित हैं। इसी क्रम में सिंगापुर की मिनिस्ट्री आॅफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने यूपीजीआईएस से इतर यूपी सरकार के साथ पहली बार एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के तहत, सिंगापुर और उत्तर प्रदेश सरकार अर्बन डेवलपमेंट, सस्टेनेबल डेवलपमेंट इंडस्ट्री और स्किल डेवलपमेंट जैसे म्यूचुअल इंट्रेस्ट वाले क्षेत्रों में सहयोग करेंगे।
यह सहयोग सिंगापुर और वहां की कंपनियों को उत्तर प्रदेश को बेहतर ढंग से समझते हुए अपनी एक्सपर्टीज का प्रदर्शन करने में सक्षम बनाएगा। सिंगापुर सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार के बीच यह पहला एमओयू है। यह एमओयू दोनों सरकारों के आर्थिक विकास के पारस्परिक रूप से लाभकारी क्षेत्रों के बीच अधिक सहयोग की सुविधा प्रदान करेगा।
यूपी और सिंगापुर के बीच इस सहयोग को पांच प्रमुख क्षेत्रों में पहचाना गया है। इसके तहत अर्बन डेवलपमेंट में अयोध्या के कुधा केशवपुर में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है, जिसके तहत उत्तर प्रदेश की वॉटर सस्टेनेबिलिटी को बढ़ाने में स्मार्ट वॉटर टेक्नोलॉजी की मदद ली जाएगी। वहीं, सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल पार्क, एमएसएमई के अपग्रेडेशन व डिजिटाइजेशन, कंटेंट डेवलपमेंट, ट्रेनिंग पेडागॉगी (शिक्षाशास्त्र प्रशिक्षण), ट्रेनर्स को ट्रेन्ड करना, सर्टिफिकेट के साथ ही सिविल सर्वेंट और सरकारी अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है। एमओयू की कोआॅपरेटिव एक्टिविटीज की प्लानिंग, मॉनीटरिंग, इंप्लीमेंट और रिव्यू के लिए एक ज्वॉइंट पार्टनरशिप कमेटी (जेपीसी) का गठन किया जाएगा। जेपीसी में सिंगापुर और उत्तर प्रदेश के सीनियर आॅफिशियल्स शामिल होंगे, जिन्हें संबंधित क्षेत्र में विशेषज्ञता होगी। जेपीसी म्यूचुअली यह निर्णय लेगी कि एमओयू के तहत बेहतर मैनेजमेंट के लिए उन्हें दूसरी एजेंसीज की जरूरत है या नहीं। यह जेपीसी निरंतर प्रगति की रिपोर्ट सिंगापुर की मिनिस्ट्री आॅफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के पमार्नेंट सेक्रेट्री (डेवलपमेंट) के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के चीफ सेक्रेट्री को सौंपेगी।
उल्लेखनीय है कि 10 से 12 फरवरी के मध्य लखनऊ में आयोजित यूपीजीआईएस में सिंगापुर की 21 कंपनियों और 58 डेलीगेट्स ने हिस्सा लिया था। सिंगापुर, जापान, नीदरलैंड्स और डेनमार्क जैसे देशों के साथ ही यूपीजीआईएस में बतौर पार्टनर कंट्री शामिल हुआ। यहां एक डेडिकेटेड सिंगापुर पवेलियन भी स्थापित किया गया, जिसने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन से लेकर लॉजिस्टिक तक के क्षेत्रों में सिंगापुर की कंपनियों के निवेश को आकर्षित किया।