योगी सरकार -2 में बढ़ी बुलडोजर की बिक्री, पहले गिनती के थे

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सरकार की बदली कार्य संस्कृति में बुलडोजर की बढ़ी अहमियत का असर इसके दाम और बिक्री पर भी दिखने लगा है। प्रयागराज ही नहीं, आसपास के जिलों में भी बुलडोजर की बिक्री तेजी से बढ़ी है। जिले में पिछले पांच महीने के अंदर 60 बुलडोजर खरीदे गए। इस तरह से इनकी संख्या अब 200 के पार हो गई है। जबकि कीमत में भी तीन लाख रुपये की बढ़ोतरी हुई है।
पहले बुलडोजर की कीमत 28.26 लाख रुपये थी। लेकिन इनका इस्तेमाल बढ़ता देख कंपनियों ने भी कीमत 31.33 लाख कर दी है। अब हर छोटे-बड़े ठेकेदार की यही चाहत रहती है कि उसके पास अपना एक बुलडोजर हो।
माफिया से जमीन मुक्त कराने और अवैध कब्जा हटाने में बुलडोजर का बढ़ता इस्तेमाल देख इसे खरीदने वालों की संख्या बढ़ी है। इसके अलावा सड़क निर्माण, खोदाई जैसे कार्यों में भी इसका खूब प्रयोग किया जा रहा है। ठेकेदारों को लगातार किराये पर बुलडोजर लेकर काम कराना महंगा पड़ रहा है। उन्होंने बुलडोजर के किराये में ही मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है।
पांच माह में खरीदे गए 60 बुलडोजर
यही वजह है कि बीते पांच महीने में ही 60 बुलडोजर खरीद लिए गए। पहले पंजीकृत बुलडोजर 140 के करीब ही थे। अब यह संख्या 204 हो गई है। उधर, मांग को देखते हुए बुलडोजर निर्माता जेसीबी कंपनी ने दाम में करीब तीन लाख रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। ठेकेदारों के मुताबिक, जनवरी माह में जेसीबी की कीमत 28.26 लाख थी, जो अब बढ़कर 31.33 लाख रुपये हो गई है।
लोक निर्माण विभाग में ठेकेदार देशराज सिंह ने बताया कि अब गांवों में निर्माण कार्य कराने, पुराने भवनों को गिराने के लिए लोग मजदूरों के बजाय बुलडोजर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे ठेकेदारों में बुलडोजर खरीदने की होड़ लगी है। वहीं एक अन्य ठेकेदार आशीष कुमार का कहना है कि बेरोजगार युवाओं के लिए बुलडोजर कमाई का जरिया है। घर बनाने के लिए नींव खोदना हो या फिर सेफ्टी टैंक का निर्माण कराना हो, लोग किराये पर बुलडोजर ले जाते हैं। ग्रामीण इलाकों में बुलडोजर की मांग बढ़ी है।
दो महीने में ही बुलडोजर की बदौलत मुक्त कराई एक हजार बीघे से ज्यादा जमीन
आंकड़े बताते हैं कि पिछले सिर्फ दो महीने के अंदर ही जिला प्रशासन ने एक हजार 113 बीघे जमीन को माफिया या अवैध कब्जे से मुक्त कराया है। जिसकी कीमत छह सौ करोड़ से भी ज्यादा है। इसके लिए अफसरों ने बुलडोजर का ही सहारा लिया और सरकार की मंशा को देखते हुए इसका इस्तेमाल बढ़ने के ही आसार हैं।

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