पुरानी पेंशन बहाली: 20 लाख अर्धसैनिक बल परिवारों के संगठन ने दी ये चेतावनी, फेल हुआ ‘100’ दिन छुट्टी का फॉर्मूला!

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केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के कल्याण के लिए गठित ‘कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन’ ने पुरानी पेंशन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को चेतावनी दे दी है। कॉन्फेडरेशन के चेयरमैन पूर्व एडीजी एचआर सिंह ने कहा, अब देश के 20 लाख पैरामिलिट्री परिवार अपना वोट उसी को करेंगे, जो दल अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाल करेगा। एक पैरामिलिट्री परिवार में चार-पांच सदस्य ही नहीं हैं, बल्कि उनके रिश्तेदार भी शामिल हैं। ऐसे में यह आंकड़ा एक करोड़ के पार चला जाता है।

महासचिव रणबीर सिंह ने कहा, सीएपीएफ में पुरानी पेंशन शुरू कराने के लिए कॉन्फेडरेशन द्वारा राष्ट्रपति, केंद्रीय गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, गृह राज्य मंत्री और केंद्रीय गृह सचिव सहित सभी बलों के महानिदेशकों से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा गया है। सभी की ओर से केवल आश्वासन ही मिला। केंद्रीय गृह मंत्री का 100 दिन छुट्टी का फॉर्मूला फेल हो गया है। छुट्टी न मिलने के कारण जवान, मानसिक तनाव व चिड़चिड़ापन जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
अशोक गहलोत का जताया आभार
‘कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन’ ने पुरानी पेंशन के मुद्दे पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का आभार प्रकट किया है। गहलोत सरकार ने इसी सप्ताह राज्य में पुरानी पेंशन बहाली का एतिहासिक निर्णय लिया है। महासचिव रणबीर सिंह ने कहा, हम अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों व केंद्र सरकार से अपील कर रहे हैं कि वे भी बिना कोई विलंब किए पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा करें। साथ ही पैरामिलिट्री फोर्स की विधवाओं, वीरांगनाओं एवं जवानों की पेंशन, पुनर्वास एवं कल्याण के लिए अर्धसैनिक बल झंडा दिवस कोष व अर्ध सैनिक कल्याण बोर्ड का गठन करें। रिटायर्ड जवानों को एक्स मैन व देश के लिए बलिदान देने वालों को शहीद का दर्जा दिया जाए। केंद्र सरकार के समक्ष बेहतर शिक्षा-स्वास्थ्य के लिए राज्यों की राजधानियों में अर्धसैनिक स्कूल खोलने व जिला स्तर पर सीजीएचएस डिस्पेंसरियों के विस्तार की वाजिब मांग की गई है।

पदाधिकारी वीएस कदम के अनुसार, अर्द्धसैनिकों का भविष्य बिना पेंशन के अंधकारमय हो गया है। सुविधाओं को लेकर फोर्सेस में भारी बैचेनी देखने को मिल रही है। इसके चलते अकसर जवान आत्महत्याएं कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों में आपसी शूटआउट के मामलों में वृद्धि हुई है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते जवानों की तीन महीनों से छुट्टियां बंद पड़ी हैं। केंद्रीय गृह मंत्री का 100 दिन छुट्टी वाला फार्मूला फेल हो गया है। जवानों में मानसिक तनाव व चिड़चिड़ापन जैसी गंभीर बीमारियां देखी गई हैं। गृह मंत्रालय कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है। उसे अर्द्धसैनिकों की जायज मांगों से दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। कॉन्फेडरेशन के चेयरमैन पूर्व एडीजी एचआर सिंह ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि अब देश के 20 लाख पैरामिलिट्री परिवार अपना वोट उसी को करेंगे जो दल अर्धसैनिक बलों की पुरानी पेंशन बहाली करेगा।
2024 से पहले करेंगे धरना-प्रदर्शन
पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे पर केंद्र सरकार में इच्छा शक्ति की कमी साफ झलकती है। कॉन्फेडरेशन अध्यक्ष जयेंद्र सिंह राणा ने कहा, विधानसभा चुनावों के बाद विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर नई रणनीति बनाई जाएगी। 2024 के आम चुनावों से पहले अलग-अलग राज्यों व दिल्ली में शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेज वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य देवेंद्र बख्शी ने कहा, सामाजिक न्याय के इतिहास में यह एक नया सवेरा है। इसकी चिंगारी राजस्थान से आई है। 2004 से अपने वृद्ध कर्मचारियों के लिए भारत सरकार और अन्य राज्यों द्वारा नई पेंशन योजना लागू करना किसी के लिए भी सबसे अनुचित कदम था। इस विवादास्पद निर्णय ने न केवल कर्मचारियों और उनके परिवारों को, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी निराश किया।

एक दिन के सांसदों और विधायकों के लिए पुरानी पेंशन लागू हो जाती है। देश के लिए अपना बलिदान देने वाले बलों के जवानों की पेंशन छीन ली गई है। सभी संगठनों ने एक स्वर में इस फैसले की निंदा की है। पुरानी पेंशन बहाली के लिए बड़ा आंदोलन किया जाएगा। केंद्र और अन्य राज्य सरकारों को अपना निर्णय पलटना होगा। कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी पड़ेगी। बख्शी के अनुसार, अगर पुरानी पेंशन को जल्द से जल्द बहाल नहीं किया गया तो सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

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