WHO की चेतावनी: अल्फा, डेल्टा और ओमिक्रॉन के बाद अभी आएंगे कोरोना के और वैरिएंट, अगला वाला तो…

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नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से कम हो रहे हैं और ओमिक्रॉन वैरिएंट, अन्य देशों की अपेक्षा भारत में कम प्रभावी रहा है। ऐसे में अगर आप सोच रहे हैं कि कोरोना का यह अंतिम वैरिएंट था और अब इस महामारी से हमें आजादी मिल गई है, तो आपकी सोच गलत साबित हो सकती है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन के वैज्ञानिकों की ओर से दावा किया गया है कि नए वैरिएंट के सामने आने का सिलसिला अभी थमने वाला नहीं है।

WHO की कोविड-19 तकनीकी प्रमुख मारिया वॉन बताती हैं कि कोरोना का नया वैरिएंट और भी ज्यादा प्रभावी होगा। एक्सपर्ट के मुताबिक, नया वैरिएंट और भी ज्यादा संक्रामक होगा, क्योंकि यह मौजूद वैरिएंट ओमिक्रॉन को ओवरटेक करके बनेगा। यह वैरिंएट गंभीर व मध्यम कुछ भी हो सकता है। अगर यह ज्यादा प्रभावी रहा तो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी चकमा दे सकता है।

खुद को बदलता रहता है वायरस
कोई भी वायरस प्रकृति में सर्वाइव करने के लिए खुद में बदलाव करता रहता है। हालांकि, कुछ वायरस ऐसे भी होते हैं, जिनमें काफी कम बदलाव देखने को मिलते हैं, लेकिन कुछ वायरस प्रतिरक्षा व वैक्सीन के अनुसार खुद को बदलते हैं। कोरोना के डेल्टा और ओमिक्रॉन ऐसे ही वैरिएंट थे। ऐसे में अगला वैरिएंट खतरनाक साबित हो सकता है।

पांच लाख लोगों को लील का ओमिक्रॉन
भले ही ओमिक्रॉन का असर भारत में बहुत ज्यादा न देखने को मिला हो, लेकिन यह अन्य देशों में बहुत अधिक प्रभावी रहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार नवंबर में ओमिक्रॉन को चिंताजनक वैरिएंट घोषित किया गया था। इसके बाद से पूरी दुनिया में इससे पांच लाख मौतें हो चुकी हैं। यह अब तक 13 करोड़ लोगों को संक्रमित कर चुका है।ओमिक्रॉन के बारे में शुरू से ही कहा गया था कि यह बेहद संक्रामक है। यह अब भी दुनियाभर में सक्रिय है। हालांकि इसने भारत में डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन पूरी दुनिया के मामलों को देखें तो इसके पीड़ितों की संख्या बहुत ज्यादा है। डब्ल्यूएचओ के इंसीडेंट मैनेजर अब्दी महमूद ने इससे हुई मौतों को लेकर अफसोस जताया है।

कई देशों में अभी नहीं आया ओमिक्रॉन का पीक : मारिया
कोविड-19 पर डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव का कहना है कि ओमिक्रॉन के सामने आए मामलों की संख्या चौंकाने वाली है। यह संक्रमण के मामले में पिछले वैरिएंट के बराबर नजर आ रहा है। जबकि अभी कई देशों में इसका पीक आना बाकी है। पिछले लगातार कई हफ्तों में इससे मरने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है, इससे वह बेहद चिंतित है।

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