रीता बहुगुणा बोलीं, पढ़े-लिखों का राजनीति में आना बेहद जरूरी

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देहरादून। राजनीति में पढ़े-लिखे लोगों का आना बहुत जरूरी है। इससे समाज को एक अच्छा नेता तो मिलता ही है, नीति निर्माण में भी बेहतर परिणाम मिलते हैं। यह बातें पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की सुपुत्री और प्रयागराज सांसद डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने इंटलेक्चुअल फाउंडेशन की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में कहीं। संस्था ने समारोह का आयोजन स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा की स्मृति में किया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम कर रहे लोगों को श्उत्तराखंड रत्नश् से सम्मानित किया गया। समारोह में संस्था ने अपना 17वां स्थापना दिवस भी मनाया।
राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में हुए समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. रीता बहुगुणा ने शिक्षकों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को हमेशा से समझते आए हैं। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति राजेश टंडन और संस्था के अध्यक्ष एस. फारुक ने हेमवती नंदन बहुगुणा पर अपने विचार व्यक्त किए। इससे पहले दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आशुतोष सयाना ने सभी का स्वागत किया। संस्था के सचिव हर्ष निधि शर्मा ने संस्था के कामकाज का ब्योरा दिया। कार्यक्रम में डॉ. चित्रा जोशी, डॉ. देश दीपक, डॉ. एके पंत, डॉ. एएन सिन्हा, डॉ. अनिल जोशी, डॉ. सुशील ओझा, डॉ. रंगील सिंह रैना, डॉ. एचएस पांडे, डॉ. अनुपमा आर्य समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
डॉ. रीता बहुगुणा ने देश की स्वास्थ्य सेवाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि इस मोर्चे पर भारत अभी भी बहुत पिछड़ा हुआ है। हमारे पास मानकों के अनुरूप डॉक्टर तक नहीं हैं। ऐसे में अगर कोरोना जैसा वायरस भारत आ जाए तो देश की मुश्किलें बहुत बढ़ जाएंगी। अभी भारत इसके लिए तैयार नहीं है। उन्होंने देश में चल रही मंदी पर भी चिंता जताई।

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