बालाकोट से आतंकियों को संदेश, सीमापार इलाके का इस्तेमाल पनाहगाह के रूप में नहीं कर सकते: राजनाथ

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एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि बालाकोट हवाई हमलों से भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश गया कि सीमा पार के बुनियादी ढांचों का इस्तेमाल आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में नहीं किया जा सकेगा। सिंह ने ‘एयर पॉवर इन नो वॉर, नो पीस सिनेरियो’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों को याद किया और बालाकोट हवाई हमला करने वाले जवानों को सलाम किया।
‘सेंटर फॉर एयर पॉवर स्टडीज’ में उन्होंने कहा, ‘‘हमें जो काम मिला है यदि उसके लिए हमें तैयार रहना है तो यह आवश्यक है कि हम जमीन, आसमान और समुद्र में हर वक्त विश्वास योग्य प्रतिरोधक क्षमता कायम रखें।’’ कार्यक्रम को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और वायुसेना प्रमुख आर.के. भदौरिया ने भी संबोधित किया। रावत ने कहा कि बालाकोट हमलों से यह संदेश स्पष्ट रूप से गया है कि भारत के खिलाफ जो छद्म युद्ध छेड़ा जा रहा है उसे ‘बर्दाश्त नहीं किया जाएगा’।
वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने युद्ध के लिहाज से नयी स्वदेशी प्रौद्योगिकी की आवश्यकता पर जोर दिया और डीआरडीओ से ऐसे हथियार विकसित करने का आग्रह किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि बालाकोट हवाई हमलों ने भारत की ओर से यह स्पष्ट संदेश भेजा है कि सीमा पार के बुनियादी ढांचे अब आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह नहीं होंगे। सिंह ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के लिए भारत के खिलाफ आतंकवाद का इस्तेमाल करना एक आसान विकल्प है। इस बारे में हमने पाकिस्तान को सबक सिखा दिया है। बालाकोट के जरिए हमने संकेत दे दिया है कि नियंत्रण रेखा के पार आतंकी शिविर अब आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रह गए हैं।’’
पिछले वर्ष 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के विमानों ने सीमा पार पाकिस्तान के बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर हमला किया था। यह 12 दिन पहले, 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले का जवाब था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

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