सीएम रावत बोले, पलायन रोकने में मददगार साबित होगा ऋषिकेश रेलवे स्टेशन

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ऋषिकेश। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास और चारधाम यात्रा को नए आयाम मिलेंगे। आधुनिक सुविधाओं से युक्त योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन देश और दुनिया में उत्तराखंड को विशिष्ट पहचान देने के साथ ही राज्य को देश के विभिन्न भागों तक रेल सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी मददगार होगा। सीएम ने कहा, ये योजना पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने, रोजगार को बढ़ावा देने और उद्योगों की स्थापना में भी मददगार होगी। सीएम ने योजना से जुड़े अधिकारियों से रेलवे स्टेशनों के निर्माण में उत्तराखंड के शिल्प, संस्कृति और धार्मिक धरोहरों के स्वरूप को प्रदर्शित करने की भी अपेक्षा की।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को योग नगरी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश में कर्णप्रयाग रेल योजना से जुड़े अधिकारियों और कार्यदायी संस्थाओं के प्रमुखों से बातचीत की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने परियोजना से संबंधित प्रत्येक जिले में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम स्थापित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने लोनिवि को ब्यासी-नरकोटा रोड पुल निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए समय के साथ पूरा करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे रेलवे को भारी मशीनों के आवागमन के लिए काफी सहायता मिलेगी। सीएम ने विद्युत विभाग को रेलवे द्वारा वांछित स्थानों पर विद्युत कनेक्शन जल्द उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
रेल विकास निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि परियोजना के तहत बनने वाली 16 टनल के कार्य को नौ पैकेज में बांटा गया है। इन सभी पैकेज के लिए डीडी एंड पीएमसी संविदा की जा चुकी है। इनके डिजाइन का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार लछमोली और श्रीनगर में अलकनंदा नदी पर आरओबी का कार्य शुरू किया जा चुका है।
श्रीनगर, गौचर और सिवाइ में रोड ब्रिज का कार्य हाल ही में प्रारंभ किया गया है। मुख्य परियोजना प्रबंधक हिमांशु बडोनी ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि वीरभद्र न्यू ऋषिकेश ब्लॉक सेक्शन का काम 2019-20, न्यू ऋषिकेश-देवप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2023-24 और देवप्रयाग- कर्णप्रयाग ब्लॉक सेक्शन का कार्य 2024-25 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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