भेड़-बकरी, गाय, मतस्य, कुक्कुड एवं मधुमक्खी पालन पर ध्यान दें-कृषि मंत्री सुबोध उनियाल

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देहरादून, 03 अगस्त 2018, प्रदेश के कृषि, उद्यान, कृषि विपणन मंत्री सुबोध उनियाल ने आज यहां यमुना कालोनी से विभिन्न विकासखण्डो के लिए 70 लाख लेमनग्रास के पौधों के वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मंत्री जी ने उपस्थित विभिन्न जनपदों से आये कास्तकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि संगन्ध पादप-लेमनग्रास का कलस्टर आधारित खेती कर अपनी आमदनी बढायें। उन्होंने कहा कि लेमनग्रास के साथ ही भेड़-बकरी, गाय, मतस्य, कुक्कुड एवं मधुमक्खी पालन पर ध्यान दें। उन्होंने बताया कि राज्य के कुल 1008 गावों में पलायन हो गया है, पलायन रोकने के लिए भी सघंन खेती अपनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस खेती से जहां कास्तकार की आर्थिकी सुदृढ होगी वहीं दूसरी ओर किसान का स्वाभिमान भी बढेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में 1000 हेक्टेयर बंजर भूमि पर सघन खेती की जा रही है। उन्होंने I m a Village ​ की अवधारणा का जिक्र करते हुए बताया कि इससे गांव का खेती के रूप में माॅडल विकास हो सकेगा। इसके लिए 15 लाख रू0 का रिवाल्विंग फण्ड उपलब्ध कराया जायेगा तथा 20 हेक्टेयर क्षेत्र में कलस्टर आधारित खेती के साथ-साथ घेरबाड़-तारबाड़, सुरक्षा दीवार आदि का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सरकार प्रत्येक ब्लाक में एक माॅडल गांव का चयन कर सगन्ध पादप खेती को बढावा देगी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का एक मुख्य उद्देश्य किसान को समृद्ध बनाना है। कार्यक्रम में सगन्ध पौधा केन्द्र सेलाकुई के निदेशक जे.एस चैहानने बंजर भूमि को आबाद करने में लेमनग्रास की भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2003 में जहां 40 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती हो रही थी उसे बढाकर 31 कलस्टर बेस के माध्यम से आज 607 हेक्टेयर भूमि पर एयरोनोटिक खेती की जारही है। कार्यक्रम में जानकारी देते हुए विवेक यादव ने लेमनग्रास की खेती से किसानों को होने वाले लाभों के बारें में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह खेती अब मनरेगा योजना के तहत भ्ीा चलाई जा रही है और इसके तहत 3700 कास्तकार लाभान्वित हो रहे हैं।  आज आयोजन लेमनग्रास से बंजर खतों का पुररूद्धार कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न विकासखण्डो के लिए 70 लाख लेमनग्रास के पौधे वाहनों के माध्यम से भिजवाये गये।
कार्यक्रम में हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी, टिहरी समेत कई अन्य जनपदों के कास्तकारों ने लेमनग्रास की खेती के सम्बन्ध में अपनाई जाने वाली विधि के बारें में अपनी कठिनाईयों रखी कहा कि लेमनग्रास तेल का समर्थन मूल्य रू0 1200 किया जाये,  जिनका समाधान भी मंत्री जी द्वारा किया गया।

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