मुख्य सचिव की सराहना कर उत्तराखण्ड का मान बढ़ाया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने

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देहरादून 28 फरवरी, 2018(सू.ब्यूरो)-बुधवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को प्रगति(प्रो एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्पलीमेंटेशन) की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने श्री केदारनाथ पुनर्निर्माण के प्रगति की जानकारी दी।
श्री केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी लेते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी मुख्य सचिवों, भारत सरकार के सचिवों के सामने मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह की सराहना कर उत्तराखण्ड का मान बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ में तेजी से कार्य करने और नई तकनीक के जरिए ड्रोन से कार्य होते हुए लाइव दिखाने के लिए मुख्य सचिव  की सराहना की। उन्होंने मुख्य सचिव और उनकी पूरी टीम को भी बधाई दी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्य सचिव श्री सिंह ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि श्री केदारनाथ मंदिर के चबूतरे का विस्तार 1500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल से बढ़ाकर 4125 वर्ग मीटर कर दिया गया है। फर्श का आधार बन गया है, पत्थर बिछाने का कार्य चल रहा है। मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के संगम स्थल से मंदिर तक 270 मीटर में जमा 12 फीट मालवा हटा दिया गया है। मंदिर तक 50 फीट चैड़ाई का मार्ग बनाया जा रहा है। इसके दोनों किनारों पर ड्रेन और डक्ट बनाया जाएगा। 24 भागों में बंटे इस मार्ग के 20 पैनल में सतह के कार्य पूरा हो गया है। पत्थर काटने, तराशने और बिछाने का कार्य चल रहा है। मुख्य सचिव ने सुरक्षा दीवार और घाट निर्माण के बारे में बताया कि सरस्वती नदी पर 470 मीटर लंबाई में सुरक्षा दीवार निर्माणाधीन है। 140 मीटर में खुदाई और 80 मीटर में 02 मीटर सुरक्षा दीवार बन गई है। घाट का बेस तैयार हो गया है। मौसम अनुकूल होने पर आरसीसी कार्य शुरू किया जाएगा। इसके अलावा मंदाकिनी नदी पर 380 मीटर सुरक्षा दीवार निर्माण का कार्य भी चल रहा है। न्यूनतम तापमान की वजह से आर.सी.सी. नही हो पा रहा है। मौसम अनुकूल होते ही 73 पुरोहितों के घरों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
      मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को बताया कि आदि शंकराचार्य कुटीर एवं संग्रहालय निर्माण का प्रारूप तैयार कर लिया गया है। गरुड़चट्टी से श्री केदारनाथ 3.5 किलोमीटर पैदल मार्ग पुनर्निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। 1.6 किलोमीटर का कार्य पूर्ण हो गया है। गौरीकुंड से लिंचैली होते हुए श्री केदारनाथ मार्ग के चैड़ीकरण और सुधारीकरण का कार्य चल रहा है। श्री केदारनाथ में हिमस्खलन और भूस्खलन से बचाव के लिए 300 मीटर में बैरियर और ड्रेनेज का निर्माण चल रहा है। अगले तीन महीने में कार्य पूरा हो जाएगा। मुख्य सचिव ने अवगत कराया कि पुनर्निर्माण के लिए केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया गया है। इस संबंध में वेबसाइट भी बनाई गई है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने 20 अक्टूबर 2017 को श्री केदारनाथ में 5 पुनर्निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया था। जिन कार्यों का शिलान्यास किया गया था वे हैं श्री केदारनाथ पहुंचने के लिए मुख्य मार्गों का चैड़ीकरण, सरस्वती नदी पर बाढ़ सुरक्षा और घाट निर्माण, मंदाकिनी नदी पर सुरक्षा और घाट निर्माण, तीर्थ पुरोहितों के आवासीय भवनों का निर्माण और आदिगुरु शंकराचार्य कुटीर और संग्रहालय का निर्माण।
मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में भी जानकारी दी। मातृ वंदना योजना के तहत प्रसव से पूर्व और बाद में आराम करने के लिए महिला को 5000 रुपये देने की व्यवस्था है। इसके लिए उत्तराखण्ड को 24.27 करोड़ रुपये की धनराशि दी गई है। अभी तक निलंब खाते(एस्क्रो एकाउंट) में 2.15 करोड़ रुपये स्थान्तरित किए गए हैं। 11243 लाभार्थियों के खाते में 2.52 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। राज्य स्तर पर संचालित 20067 केंद्रों के सापेक्ष 18918 केंद्र पोर्टल पर अपलोड हो गए हैं। 26208 लाभार्थियों के आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे गए हैं।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, सचिव पर्यटन श्री दिलीप जावलकर, सचिव कौशल विकास डॉ.पंकज कुमार पांडेय, निदेशक बाल विकास कैप्टन आलोक शेखर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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