क्या हुआ आॅटो चालकों की यूनिफार्म और आईकार्ड का?

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अश्वनी कुमार माथुर
मुरादाबाद। काफी समय पहले कांठ रोड पर चलते आॅटो में छात्रा के साथ छेड़छाड़ किये जाने का मामला सामने आया था जिसके बाद अपनी इज्जत बचाने के लिए सिविल लाइंस के एक काॅलेज की यह छात्रा चलते आॅटो से ही कूद गई थी और घायल हो गयी थी तब इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था तब जिला प्रशासन ने आदेश जारी किये थे कि आॅटो चालकों की शक्ल में ऐसी दरिन्दगी करने वाले मवालियों की धरपकड़ के लिए सभी आॅटो चालकों के लिए ड्रेस कोड और उनका आईकार्ड अनिवार्य होगा। परन्तु कई वर्ष बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन को अपना यह आदेश अमल में लाने के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।
दिल्ली रोड व कांठ रोड पर अक्सर रात्रि के समय कुछ आॅटो चालक शराब पीकर आॅटो चलाते हुए देखे जा सकते है। कई आॅटो चालकों ने आॅटो में म्यूजिक सिस्टम लगा रखा है। युवतियों के आॅटो में बैठते ही यह भद्दे गाने बजाना शुरू कर देते है। कई आॅटो चालकों की शक्ल सूरत से ही जाहिर होता है कि यह कोई सभ्य व्यक्ति न होकर कोई टपोरी हैं। फिर भी ऐसे लोग आॅटो के हैंडिल थामे हुए है। कभी भी यह किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि जनपद में दौड़ने वाले सभी आॅटो के चालकों के लिए अलग से ड्रेस हो तथा उनका आईकार्ड हो और इनका पूरा लेखा जोखा पुलिस प्रशासन के पास उपलब्ध हो ताकि जो आपराधिक प्रवृत्ति के लिए आॅटो के हैंडिल थामे हुए हैं उनके द्वारा कोई घटना घटित होने पर अपराधी को पकड़ा जा सके।
यहां बताना जरूरी है कि जब छात्रा से छेड़छाड़ की घटना हुई थी उसके बाद आॅटो के अंदर उसका नं0 तथा चालक का मोबाइल नं0 लिखा होना भी अनिवार्य कर दिया गया था मगर धीरे धीरे यह नियम भी ठंडे बस्ते में चला गया। अब कुछ ही आॅटो में यह नियम देखने को मिलेगा।

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