एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। नए साल का सबसे पहला ग्रहण चंद्रग्रहण होगा। यह साल के पहले महीने में 31 जनवरी को लगने वाला है। माघ शुक्ल पूर्णिमा के दिन होने वाला यह ग्रहण खग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। शाम को 5 बजकर 18 मिनट पर प्रारंभ होने वाला यह ग्रहण रात्रि 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। इस तरह ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 24 मिनट होगी। पूर्वी भारत, असम, नागालैंड, मिजोरम, सिक्किम तथा बंगाल के पूर्वी क्षेत्र में ग्रहण प्रारंभ होने के पहले ही चंद्रोदय हो जाएगा। इसलिए इन प्रदेशोें में खग्रास रूप में चंद्रग्रहण पूरा दिखाई देगा।
यह ग्रहण पुष्य, आश्लेषा नक्षत्र और कर्क राशि में होगा। अतः जिनका जन्म इन नक्षत्रों और कर्क राशि या कर्क लग्न में हुआ है उनके लिए यह कष्टप्रद रहेगा। वृषभ, कन्या, तुला व कुंभ राशि व लग्न वालों को श्रेष्ठ। मिथुन, वृश्चिक, मकर व मीन राशि व लग्न वालों के लिए मध्यम। मेष, कर्क, सिंह व धनु राशि वालों के लिए अशुभ है। जिन राशि वालों के लिए यह ग्रहण अशुभ है वे ग्रहण प्रारंभ होने से पूर्व चांदी का चंद्रमा और नाग बनवाकर रखें और ग्रहण समाप्त होने के बाद दान करें।
साल का दूसरा चंद्रग्रहण 27-28 जुलाई 2018 आषाढ़ पूर्णिमा के दिन होगा। यह ग्रहण रात्रि में 11 बजकर 54 मिनट पर प्रारंभ होकर 3 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगा। ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटा 55 मिनट होगी। यह खग्रास चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ा, श्रवण नक्षत्र तथा मकर राशि में होगा। जिनका जन्म इन नक्षत्र और मकर राशि व मकर लग्न में हुआ है उनके लिए कष्टप्रद रहेगा। मेष, सिंह, वृश्चिक व मीन राशि व लग्न वालों के लिए श्रेष्ठ। वृषभ, कर्क, कन्या व धनु राशि वालों के लिए मध्यमफलप्रद। मिथुन, तुला, मकर व कुंभ के लिए नेष्टप्रद रहेगा।
तीन सूर्यग्रहण भारत में नहीं देंगे दिखाई
फाल्गुन कृष्ण अमावस्या गुरुवार दिनांक 15 फरवरी
आषाढ़ कृष्ण अमावस्या शनिवार दिनांक 13 जुलाई
पौष कृष्ण अमावस्या शनिवार दिनांक 11 अगस्त
वर्ष में तीन सूर्यग्रहण होंगे जो भारत में दिखाई नहीं देंगे। फाल्गुन, कृष्ण, अमावस्या 15 फरवरी आषाढ़ कृष्ण अमावस्या। शनिवार 13 जुलाई पौष कृष्ण अमावस्या एवं शनिवार 11 अगस्त को, यह बात ध्यान रखें सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण के समय अशुभराशि वाले रोगी एवं गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के समय धार्मिक मनुष्य ईश्वर आराधना, मंत्र जाप, संकीर्तन करना चाहिए। ग्रहण के दौरान खाद्यान्न दूषित हो जाते हैं। इसलिए पर्व काल के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व खाने पीने की वस्तुएं। पके भोजन दूध दही घी मक्खन, अचार पीने के पानी तेल आदि में कुशा या तुलसी पत्र डाल देना चाहिए। इससे ये दूषित नहीं होते।
इन नियमों का पालन जरूरी
सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण के समय अशुभराशि वालों, रोगी एवं गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के समय
धार्मिक मनुष्य ईश्वर आराधना, मंत्र जाप, संकीर्तन करें। ग्रहण के दौरान खाद्यान्न दूषित हो जाते हैं। इसलिए पर्व काल के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए। ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व खाने-पीने की वस्तुएं। पके भोजन, दूध, दही, घी, मक्खन, अचार, पीने के पानी, तेल आदि में कुशा या तुलसी पत्र डाल देना चाहिए। इससे ये दूषित नहीं होते।