एजेंसी न्यूज
नई दिल्ली। देश के एक सौ स्मार्ट शहरों की सूची की अंतिम सूची में भले ही उत्तर प्रदेश के तीन और शहरों को जगह मिल गई हो, लेकिन स्मार्ट सिटी मिशन में निर्धारित कुल 13 शहरों में से केवल 10 को जगह मिली है। इस तरह उत्तर प्रदेश की झोली से तीन स्मार्ट सिटी छिन गये हैं। जिन शहरों ने प्रस्ताव भेजकर अपना दावा ठोंका था, प्रतिस्पर्धा में कमजोर पाये जाने पर उन्हें खारिज कर दिया गया। हालांकि फाइनल प्रतिस्पर्धा के बाद स्मार्ट शहरों की सूची में राज्य के बरेली, मुरादाबाद और सहारनपुर को जगह मिल गई है।
लेकिन गाजियाबाद, रामपुर, रायबरेली और मेरठ को मुंह की खानी पड़ी है। राज्य सरकार ने इस शहरों को शामिल कराने का प्रस्ताव भेज रखा था, लेकिन राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतिस्पर्धा में ये प्रस्ताव मानक के अनुरूप नहीं पाये गये। मेरठ और रायबरेली में से किसी एक का नाम पहले ही शामिल हो सकता था, मगर दोनों शहरी निकायों के बीच परस्पर हुई बंदरबांट में बाजी कोई और मार ले गया। बाद में अंतिम सूची में भी दोनों शहरों में से किसी को स्थान नहीं मिल पाया है। निर्धारित मानक के हिसाब से दोनों शहरों को समान अंक मिलने की वजह से राज्य सरकार ने दोनों का एक नाम पहली सूची में शामिल करने के लिए भेज दिया था, जिसके लिये कहा गया कि किसी एक शहर का नाम प्रस्तावित किया जाए।
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्मार्ट शहरों की अंतिम सूची में शामिल शहरों के नाम का एलान करते हुए बताया कि पहला स्थान दादरा नगर हवेली की राजधानी सिल्वासा को मिला है। बाकी अन्य शहरों में तमिलनाडु के इरोड, दमन दीव के दीव, बिहार के बिहार शरीफ, उत्तर प्रदेश के बरेली, अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर, उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद, सहारनपुर और लक्ष्य दीप के कवारात्ती के नाम शामिल हैं। एक शहर शिलांग का प्रस्ताव नहीं आने से उसे फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
पुरी ने बताया कि चयनित इन नौ शहरों के लिए 12000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा। इन नौ शहरों के लिए 400 से अधिक परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इन्हें पूरा करने में होने वाले खर्च में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 61.25 फीसद रहेगी। कुल 99 शहरों का चयन किया जा चुका है। इन सभी 99 शहरों के विकास के लिए दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश प्रस्तावित है।
पूर्व में चयनित 90 शहरों में से 83 में विशेष कंपनी (एसपीवी) का गठन के साथ सलाहकार नियुक्त कर दिया गया है। एक सवाल के जवाब में पुरी ने बताया कि ज्यादातर स्मार्ट शहरों में परियोजनाएं जमीन पर दिखने लगी हैं। आठ से ज्यादा स्मार्ट शहरों में कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तक स्थापित हो चुके हैं। स्मार्ट सिटी मिशन ने रफ्तार पकड़ लिया है।