नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के एग्जिट पोल का बहिष्कार करने के निर्णय पर करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि ये कोई नई बात नहीं है कि कांग्रेस एग्जिट पोल पर चर्चा का बहिष्कार कर रही है। काफी समय से कांग्रेस पार्टी अपनी हार मान चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने पूरे चुनाव में प्रचार किया कि विपक्षी गठबंधन का बहुमत आने जा रहा है, लेकिन अब उनको भी स्थिति मालूम है कि कल के चुनाव के बाद आने वाले एग्जिट पोल में इनकी प्रचंड हार होने वाली है। किस मुंह से कांग्रेस मीडिया का सामना करेगी, इस डर से एग्जिट पोल को नकार रही है।’
शाह ने कहा कि जब से राहुल गांधी कांग्रेस की मुख्य व्यवस्था में आए हैं, तब से कांग्रेस पार्टी ‘डिनायल मोड’ में जी रही है। सुप्रीम कोर्ट से कोई अनुकूल फैसला नहीं आता है, तो न्यायिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर देना, चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर देना, ईवीएम पर सवाल खड़े कर देना, संसद में बहस करने की जगह संसद को छोड़कर भाग जाना, सांविधानिक पदों की अवहेलना करना, इनकी मिमिक्री करना और एजेंसियों पर भी सवाल खड़ा करना।
शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को कहना चाहता हूं कि शुतुरमुर्ग वृत्ति से कभी किसी का फायदा नहीं हो होता है। डटकर हार का सामना करना चाहिए, आत्मचिंतन करना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।
इससे पहले कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को एलान करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी टीवी पर एग्जिट पोल की बहस में हिस्सा नहीं लेगी। उनका कहना है कि कांग्रेस परिणाम से पहले अटकलों में शामिल नहीं होना चाहती। खेड़ा ने कहा, मतदाताओं ने अपना मत दे दिया है और मतदान के परिणाम मशीनों में बंद हो चुके हैं। चार जून को नतीजे सबके सामने होंगे। कांग्रेस की नजरों में नतीजे घोषित होने से पहले किसी भी तरह के सार्वजनिक अनुमान लगाकर घमासान में भाग लेकर टीआरपी के खेल का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, किसी भी बहस का मकसद दर्शकों का ज्ञानवर्धन करना होता है। कांग्रेस चार जून से बहसों में फिर से भाग लेगी।
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