एजेंसी समाचार
नई दिल्ली। तुर्की और सीरिया के विनाशकारी भूकंप में अभी भी चमत्कार होने का सिलसिला जारी है। आज तबाही के 100 घंटे बीत जाने के बाद भी राहत और बचाव दलों ने 6 लोगों को मलबे से जिंदा निकाला है। यह देखकर हर कोई हैरान रह गया। कुदरत के कहर के बाद उसका ऐसा करिश्मा देखना अद्भुद है। इसीलिए तो कहते हैं कि “जाको राखे साईयां मार सके न कोय”…जिस तरह से इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी लोग मलबे से जिंदा निकल रहे हैं, उससे बचाव कर्मियों का हौसला और भरोसा दोनों बढ़ा है। एक व्यक्ति को 94 घंटे बाद जीवित निकाला गया है, जो कि अपना ही पेशाब पीकर जीवित रहा। उल्लेखनीय है कि बीते सोमवार को क्रमश: 7.8 और 7.5 तीव्रता के आए भूकंप के दो बड़े झटकों से तुर्की और सीरिया में भारी तबाही आई है और 21 हजार से भी अधिक लोगों की जान जा चुकी है। तुर्की के इस्केंदेरुन में बचावकर्मियों ने मलबे के नीचे 101 घंटे तक दबे रहे छह लोगों को शुक्रवार सुबह जिंदा निकाल लिया। एक खोज और बचावकर्मी मूरत बेगुल ने बताया कि इन छह लोगों को ध्वस्त इमारत के भीतर बची एक छोटी सी जगह में एक साथ रहने से जीवित बच पाने में मदद मिली। सभी छह लोग रिश्तेदार हैं। इस भूकंप से मरने वाले लोगों की तादाद जापान के फुकुशिमा में आए भूकंप और सुनामी से होने वाली मौतों की संख्या से भी अधिक हो गई है और मलबों से शवों का निकलने का सिलसिला जारी है जिससे हताहतों की संख्या और बढ़ने की आशंका हैं। तुर्की भूकंप की विनाशलीला दिल दहला देने वाली है। भूकंप के चार दिनों के बाद भूकंप के केंद्र रहे गैजियांतेप स्थित एक मकान की इमारत से बचाव कर्मियों ने 17 वर्षीय अदनान मुहम्मद कोरकुत को जिंदा निकाला। उसने बताया कि 94 घंटे से मलबे में दबा था और अपना ही पेशाब पीकर जिंदा रहा। कोरकुत ने कहा, ईश्वर का शुक्र है कि आप (बचावकर्मी) आए। उसकी मां और अन्य ने उसे झुक कर तब चूमा जब कोरकुत को एंबुलेंस में ले जाया जा रहा था। तुर्की के अदियामान में बचावकर्मियों ने भूकंप में दबे रहने के करीब 105 घंटे बाद 4 साल के योगिज कोमसु नामक बच्चे को जिंदा निकाला। बचाव कार्य का सजीव प्रसारण करने वाले हाबेर तुर्क के मुताबिक बच्चे को निकालने के बाद उसकी मां को मलबे से निकाले की कोशिश शुरू कर दी गई है। बचाव कर्मियों ने बच्चे को बाहर निकालने के बाद भीड़ से खुशी में शोर नहीं मचाने को कहा, क्योंकि बच्चा सहमा हुआ था। हबेरतुर्क टेलीविजन चैनल ने बताया कि इस्केंदरुन शहर की एक बहुमंजिला इमारत के मलबे में फंसे नौ लोगों की पहचान की गई है, जिनमें से एक महिला सहित छह लोगों को निकाल लिया गया है। उन्होंने बताया कि इमारत भूमध्य सागर से महज 200 मीटर दूर थी और भूकंप के बाद उठी ऊंची लहरों से आई बाढ़ से बाल-बाल बची थी।
मलबे से जिंदा निकाले जाने की और घटनाएं भी सामने आई हैं। जर्मन बचाव टीम ने बताया कि उसने किरिखान स्थित एक मकान से करीब 50 घंटे के बाद मलबे से एक महिला को जिंदा निकालने में सफलता हासिल की है।