पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के विवादित बयान

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पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद कतर में भारतीयों की मुश्किलें बढ़ीं, कोड ऑफ कंडक्ट की मांग तेज
ये कतर के स्थानीय नागरिकों की चर्चाओं का ही असर था कि कतर ने भारतीय राजदूत को बुलाकर अपनी नाराजगी जाहिर की। हालांकि बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निकालकर मामले को संभालने की कोशिश तो की लेकिन उससे बहुत फर्क नहीं पड़ा है।
पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के विवादित बयान से कतर में हंगामाकतर में भारतीयों की मुश्किलें बढ़ीं, सुनने पड़ रहे तानेहेट स्पीच के खिलाफ कोड ऑफ कंडक्ट की मांग तेज नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद के बारे में की गई टिप्पणी का मामला दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया है। खासतौर पर इस्लामिक देशों में इस बयान की निंदा की जा रही है और लोग विरोध भी जता रहे हैं। कतर में तो इस मुद्दे ने काफी तूल पकड़ा है, जिसकी वजह से कतर में रह रहे भारतीयों को स्थानीय लोगों के ताने सुनने पड़ रहे हैं और वह दबाव महसूस कर रहे हैं।
कतर में स्थानीय लोगों से ज्यादा संख्या भारतीयों की है। जिसमें वर्कर्स और बिजनेसमैन शामिल हैं। लेकिन इन भारतीयों की समस्या यही है कि जब भी कोई राजनेता भारत में हेट स्पीच देता है तो उसका फर्क उनपर पड़ता है। वह प्रेशर में आ जाते हैं क्योंकि स्थानीय लोग उस हेट स्पीच का जिक्र करते हुए उन्हें निशाना बनाते हैं और कतर में रहने वाले भारतीयों के पास कोई जवाब नहीं होता।
ये कतर के स्थानीय नागरिकों की चर्चाओं का ही असर था कि कतर ने भारतीय राजदूत को बुलाकर अपनी नाराजगी जाहिर की। हालांकि बीजेपी ने नूपुर शर्मा को पार्टी से निकालकर मामले को संभालने की कोशिश तो की लेकिन उससे बहुत फर्क नहीं पड़ा है क्योंकि चर्चाओं का बाजार अभी भी गरम है।
कोड ऑफ कंडक्ट से होगा समस्या का हल!
हेट स्पीच की वजह से भारतीयों को विदेशों में शर्मिंदगी और परेशानी ना उठानी पड़े इसलिए लोग कोड ऑफ कंडक्ट की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि कुछ ऐसा कानून बनाना चाहिए, जिससे हेट स्पीच देने वाले लोगों पर फौरन कार्रवाई हो और इस पर रोक भी लग सके।
लोगों का कहना है कि हेट स्पीच किसी भी धर्म के लोग दें, उस पर रोक लगनी ही चाहिए। क्योंकि हेट स्पीचर्स ये नहीं जानते कि उनके इन बयानों से देश के बाहर रहने वाले भारतीय नागरिकों को कितनी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
57 मुस्लिम देशों के इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने भी पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) के विवादित बयान की निंदा की थी और कहा था कि बीते दिनों में भारत में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। हिजाब पर बैन के साथ मुस्लिमों पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं।
क्या है नूपुर शर्मा से जुड़ा पूरा विवाद
भाजपा के प्रवक्ता के तौर पर नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) शुक्रवार 27 मई को नेशनल टेलीविजन न्यूज चैनल की डिबेट में गई थीं। डिबेट के दौरान उन्होंने कहा था कि कुछ लोग हिंदू आस्था का लगातार मजाक उड़ा रहे हैं। अगर ऐसा है तो वह भी दूसरे धर्मों का मजाक उड़ा सकती हैं। इसके बाद उन्होंने कुछ इस्लामिक मान्यताओं की बात की।
नूपुर (Nupur Sharma) की इस डिबेट के दौरान कही गई बातों को कथित फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया और ये आरोप लगाया कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की है। इसके बाद नुपुर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और एक जून को महाराष्ट्र में उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का पहला केस दर्ज हुआ।
इसके बाद दो जून को ही महाराष्ट्र में उनके खिलाफ दूसरा मामला दर्ज हुआ। विवाद को बढ़ता देख बीजेपी ने 5 जून को नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया।
नूपुर शर्मा कौन हैं?
निलंबित होने से पहले तक नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को बीजेपी की तेज-तर्रार प्रवक्ता माना जाता रहा है। वह साल 2015 में खूब चर्चा में रही थीं क्योंकि बीजेपी ने दिल्ली में उन्हें आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतारा था। नूपुर शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रूप में भी काफी चर्चा में रहीं। वह साल 2008 में ABVP से छात्र संघ चुनाव जीतने वाली एकमात्र कैंडीडेट थीं।
साल 2010 में नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) ने छात्र राजनीति से बीजेपी की युवा मोर्चा की राजनीति में हिस्सा लिया और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी की जिम्मेदारी संभाली। वह पेशे से वकील हैं और उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पढ़ाई की है। नूपुर शर्मा काफी पढ़ी लिखी हैं और उन्होंने बर्लिन से भी पढ़ाई की है।

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