बिजली उत्पादक कंपनियों को कोयला आयात प्रक्रिया शुरू करने की आज तक की मोहलत, नहीं तो ये होगा नुकसान
प्रतीकात्मक तस्वीर
केंद्र सरकार की घरेलू बिजली उत्पादक कंपनियों को कोयला आयात की प्रक्रिया को लेकर चेतावनी देने के बाद अब शुक्रवार यानी आज तक की मोहलत दी है। साथ ही एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर बताया है कि अगर कोई कंपनी तय समय तक प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाती है तो उस कंपनी को केवल 70 फीसदी घरेलू कोयला आवंटित किया जाएगा।
आयात 15 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा
सरकार इससे पहले 18 मई को बिजली कंपनियों को चेतावनी दे चुकी है कि अगर कोयला आयात का ऑर्डर 31 मई तक नहीं दिया गया और आयातित ईंधन 15 जून तक बिजलीघरों में नहीं पहुंचा, ऐसे में चूक करने वाली बिजली उत्पादक कंपनियों को अपना आयात 15 प्रतिशत तक बढ़ाना होगा।
बिजली मंत्रालय ने राज्य सरकारों और बिजली उत्पादक कंपनियों को लिखे पत्र में कहा था कि इसके अलावा यदि 15 जून तक घरेलू कोयले के साथ आयातित कोयले का मिश्रण शुरू नहीं किया जाता है, तो संबंधित चूककर्ता के ताप विद्युत संयंत्रों के घरेलू आवंटन में पांच प्रतिशत की और कमी की जाएगी।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने बताया सरकार का गलत कदम
इस बीच, ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने सरकार के इस कदम को राज्यों पर अनुचित दबाव डालने वाला करार दिया। संगठन ने एक बयान में कहा कि कोयला संकट राज्य की बिजली उत्पादक इकाइयों की गलती नहीं है। केंद्र को कोयले के आयात की अतिरिक्त लागत वहन करनी चाहिए क्योंकि इससे राज्यों पर मिश्रण के उद्देश्य से कोयला आयात करने का अनुचित दबाव पड़ रहा है।
बिजली मंत्रालय के आदेश का विरोध
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से कोयले के आयात के लिए एक अनुचित प्रतिक्रिया है जो उचित नहीं है। हम सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोयला आयात करने के लिए बिजली मंत्रालय के इस आदेश का कड़ा विरोध करने की अपील करते हैं।