खरगोन उपद्रव: आरिफ मसूद बोले 3 साल पहले मृत व्यक्ति को दंगाई बता दिया, सीएस से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की

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मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर विधायक आरिफ मसूद ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस से मुलाकात कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार एकतरफा कार्रवाई कर रही है। 3 साल पहले मृत व्यक्ति को दंगाई बता कर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई।
विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि हमने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस से मुलाकात की। हमने उनसे निष्पक्ष जांच के लिए एक कमेटी गठित करने की मांग की है। सरकार में बैठे लोग एकतरफा बयान दे रहे हैं। निष्पक्ष तरीके से कोई बोलने और सुनने को तैयार नहीं है। सरकार की तरफ से एक तरफा कार्रवाई हो रही है। एक समुदाय के लोगों के मकान तोड़े जो रहे हैं, उनकी गिरफ्तारियां हो रही हैं। जिस तरह से कानून की धज्जियां उड़ रही हैं यह ठीक नहीं है। अब तो स्पष्ट भी हो गया है कि जो जेल में बंद हैं उनको दंगाई बताकर घर तोड़ दिया गया। जो अस्पताल में भर्ती हैं, उसको दंगाई बता घर तोड़ दिया गया। हद तो यह है कि जिस व्यक्ति की 3 साल पहले मौत हो चुकी है, उसे भी दंगाई बता कर उसके परिवार को नुकसान पहुंचाया गया।
आरिफ मसूद ने कहा कि हम जनता से शांति बनाने की अपील करते हैं। खरगोन हिंसा में लापता एक लड़के की डेडबॉडी मिली है। हम मांग करते हैं कि वीडियोग्राफी के साथ उसका पीएम कराया जाए। हम कह रहे हैं कि मुकदमा कायम करो और जांच करो। हम किसी को एक तरफा फंसाने की बात नहीं कर रहे हैं। जैसा अभी किया जा रहा है। हम पूरे मामले में बहुत जल्द ही कोर्ट जाएंगे।
बता दें खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव के साथ ही शहर के कई इलाकों में आगजनी की घटनाएं हुईं। इस हिंसा में कई लोग घायल हो गए। हिंसा के बाद से लापता एक युवक का शव इंदौर के सरकारी अस्पताल में मिला है। वहीं, गंभीर घायल एक 17 साल के किशोर का इलाज चल रहा है। प्रशासन दंगाईयों के घरों को जमींदोज करने की कार्रवाई कर रहा है। इसको लेकर विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है।

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