देहरादून। सरकारी सेवा में होने के बावजूद छात्रवृत्ति लेने वाले तीन अभिभावकों के खिलाफ राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन अभिभावकों के बच्चे जीआरडी और डीआइटी कॉलेज में अध्ययनरत हैं। आरोप है कि उनके स्वजनों ने गलत ढंग से छात्रवृत्ति ले ली।
अनुसूचित जनजाति दश्मेत्तर छात्रवृत्ति योजना के तहत आवेदक के अभिभावक की वार्षिक आय अधिकतम ढ़ाई लाख रुपये होनी चाहिए। जीआरडी और डीआइटी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के दस्तावेजों की जांच की गई तो कुछ ऐसे मामले सामने आए, जिसमे छात्रों के पिता सरकारी सेवा में होने के बावजूद उन्होंने गलत तथ्य प्रस्तुत कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया।राजपुर पुलिस ने बलदेव सिंह तोमर निवासी नैनबाग टिहरी गढ़वाल, मोहन सिंह निवासी कालसी और सरदार सिंह निवासी त्यूनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
छात्रवृत्ति डकारने में सरकारी संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। इग्नू से पढ़ाई करने वाली दो छात्राओं के नाम पर गलत ढंग से छात्रवृत्ति ले ली गई, जबकि उनके पिता सरकारी कर्मचारी हैं। रायपुर थाने में इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।