65 खनन पट्टों पर मुहर लगने का रास्ता साफ

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देहरादून। प्रदेश में 65 नए खनन पट्टों की राह आसान हो गई है। खनन विभाग की ओर से सभी जिलों की संशोधित जिला सर्वे रिपोर्ट (डीएसआर) राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सीआ) को भेज दी गई है। अब सीआ की अगली बैठक में इन खनन पट्टों के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति (ईसी) जारी करने पर फैसला लिया जाएगा। इनमें 23 खनन पट्टे खड़िया और शेष नदियों में रेत-बजरी से संबंधित हैं।
केंद्रीय खनन नियमावली-2016 में स्पष्ट है कि प्रत्येक जिले को उपखनिज के सिलसिले में अनिवार्य रूप से जिला सर्वे रिपोर्ट तैयार करनी है। इसके बाद ही उपखनिज के मामलों में सीआ की ओर से पर्यावरणीय स्वीकृति जारी करने का प्रविधान है। इस पर सीआ ने खनन विभाग को सभी जिलों की जिला सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। हालांकि, विभाग ने अक्टूबर में रिपोर्ट सौंपी जरूर, मगर यह आधी-अधूरी थी। इसमें प्रदेश की नदियों में कहां-कहां और कितनी मात्रा में खनन हो सकता है, इस बारे में सरसरी जानकारी ही थी।
सीआ के अध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी ने इन सभी रिपोर्ट को अपूर्ण कराते देते हुए वापस लौटा दिया था। साथ ही पूरी जानकारी और तथ्यों सहित यह रिपोर्ट सौंपने और उपखनिज के संबंध वास्तविक स्थिति के मद्देनजर सैटेलाइट मैपिंग की मदद लेने का सुझाव भी दिया था। इसके लिए विभाग को संस्थाएं भी सुझाई गई थीं। इसके साथ ही खनन विभाग की ओर से तब पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए रखे 65 खनन पट्टों के प्रस्ताव भी लटक गए थे। अब खनन विभाग ने सभी जिलों की संशोधित जिला सर्वे रिपोर्ट सीआ को उपलब्ध करा दी है।

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