मुरादाबाद के महाराजा अग्रसेन काॅलेज में छात्र ने लगाई तीसरी मंजिल से छलांग, मौत

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मु0 रिज़वान
मुरादाबाद। शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले स्कूलो मंे अब प्रबंधन ऐसे कृत्य करने लगे हैं कि लोगों का विश्वास उठने लगा है। शुक्रवार को शहर के घनी आबादी वाले महाराजा अग्रसेन स्कूल में 10वीं के छात्र ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाई। जिसकी अस्पताल पहुंचने पर मौत हो गयी। इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन शक के दायरे में है कि आखिर उसने आनन फानन में स्कूल बंद कर स्टाफ को घर भेज दिया और छात्र के परिजनों को खबर तक नहीं दी। परिजनो में छात्र की मौत पर कोहराम मचा हुआ है और उन्होनंे स्कूल प्रबंधन पर तरह-तरह के आरोप लगाते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की है।
महानगर के थाना मुगलपुरा क्षेत्रांतर्गत मण्डी बांस स्थित महाराजा अग्रसेन इंटर काॅलेज में 10वीं के छात्र नूरे आलम निवासी बरवालान ने दोपहर के समय स्कूल की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। प्रत्यक्षदर्शियो के मुताबिक घायल छात्र को आनन फानन सांई अस्पताल भेजा गया और काॅलेज से स्टाफ व बच्चो को बाहर कर ताला लगा दिया गया। पूरे स्कूल में कोहराम मच गया। नूरे आलम के परिजनों ने सांई अस्पताल पहुंचकर काॅलेज प्रबंधन पर तरह-तरह के आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बच्चे के गिरने की कोई सूचना नहीं दी गयी। आखिर इसके पीछे क्या वजह थी। वहीं घटना के बाद पुलिस भी काॅलेज पहुंच गयी थी और जांच पड़ताल की। छात्र की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों का आरोप है कि प्रधानाचार्य ने उन्हें सांई अस्पताल से काॅल की। यहां मौजूद चिकित्सक व लोगों ने बताया कि बच्चा जब अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। परिजनो का कहना है कि आखिर काॅलेज में घटना घटी तभी उन्हें सूचना क्यूं नहीं दी गयी। इसके पीछे क्या वजह है? क्यों काॅलेज प्रबंधन ने इतनी देर तक घटना को छिपाये रखा? पिता मशकूर आलम ने बताया कि उनके बेटे की मौत का जिम्मेदार स्कूल है और उसे जान बूझकर गिराया गया है। इसकी जांच होनी चाहिये। बहरहाल पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और उसे परिजनों के हवाले कर दिया।
हालांकि इस मामले में प्रधानाध्यापक रश्मि ठाकुर का कहना है कि जिस समय नूरआलम छत पर जाल से नीचे की ओर लटका हुआ था। उस समय से नीचे से रोकने का प्रयास लगातार कर रहीं थी पर छात्र ने उनकी एक न सुनी और देखते ही देखते नीचे आ गिरा। उन्होनें कहा कि उस वक्त परिजनों को इसलिए फोन नहीं किया कि पहली प्राथमिकता बच्चे की जान बचाने की थी और तुरन्त उसे अस्पताल ले जाया गया।
बहरहाल काॅलेज मंे छात्र की मौत का यह मामला शुक्रवार को सुर्खियां बना रहा और लोग तरह-तरह की बाते करते नजर आये। अब देखते हैं कि पुलिस और प्रशासन इस मामले में क्या एक्शन लेता है और छात्र की मौत का क्या कारण निकलकर सामने आता है।

किताबो को लेकर साथी छात्रों से हुआ विवाद भी माना जा रहा मौत की वजह
हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। बताते हैं कि नूरआलम का कुछ अन्य छात्रो से एक किताब को लेकर शुक्रवार सुबह विवाद हो गया था। कक्षा में मौजूद अध्यापक द्वारा मामले को तब शान्त कर दिया गया था लेकिन उसके बाद इंटरवल शुरू होते ही नूरआलम ने इस मामले को दिल पर ले लिया और सीधा छात्राओ की दूसरी मंजिल स्थित कक्षाओ को पार करते हुए तीसरी मंजिल के बरामदे मंे ग्रिल की विंडो खोलकर जान देने को आमादा होकर लटक गया। नीचे खड़ी स्कूल की प्रधानाचार्या तथा अन्य अध्यापक जब तक कुछ समझ पाते और उसे बचाने दौड़ते इससे पहले ही वह एक अध्यापक का हाथ छुड़ाकर नीचे कूद गया। छात्र के नीचे गिरते ही उसके नाक मुंह व कान से खून बहने लगा।

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