जन प्रतिनिधि के आगे भीगी बिल्ली क्यूं बन जाती है बिजली विभाग की चेकिंग टीम?

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परवेज जैदी गांधी
मुरादाबाद। दो हजार का बकाया आम उपभोक्ता पर होने पर बिजली विभाग की टीमें तुरन्त कनेक्शन काट देती हैं और उपभोक्ता की मान मनुहार के बावजूद भी उसके घर में अंधेरा कर देती है। इस बारे में बिजली विभाग की टीम का स्पष्ट कहना होता है कि अधिकारियों के आदेश हैं कि दो हजार से ऊपर के बकाया वालों के कनेक्शन काट दिये जायें। वहीं गुरूवार को बिजली विभाग द्वारा वार्ड 19 में भाजपा के मण्डल महामंत्री विशाल सिंह गोलू पर 5200 रूपये का बिजली बिल का बकाया होने के बावजूद लाईन का न काटना सिर्फ इस वजह से रहा कि नगर विधायक रितेश गुप्ता खुद मौके पर आ गये थे और बिजली टीम को हड़काया था।
इस घटना से दो सवाल उठे। पहला यह कि नगर विधायक पूरे नगर के जन प्रतिनिधि है। शहर में रोजाना अनगिनत लोगों के दो हजार के बकाया के चलते कनेक्शन कटते हैं मगर वहां कनेक्शन कटने से रोकने के लिए नगर विधायक तो दूर उनका कार्यकर्ता भी नहीं जाता। मगर यहां बात मण्डल महामंत्री के कनेक्शन की थी तो नगर विधायक खुद कृष्ण बनकर सुदामा के घर दौड़े चले आये। वहीं दूसरा सवाल यह है कि आम आदमी का कनेक्शन काटते वक्त उसकी मान मनुहार को नजर अंदाज करने वाली बिजली विभाग की टीम ने नगर विधायक को नियम कानून क्यूं नहीं समझाये कि इस तरह राजस्व वसूली में बाधा बनना गलत है। नगर विधायक के हड़काते ही बिजली टीम भीगी बिल्ली बनकर लौट गयी। इससे लोगों में बिजली विभाग के दोगले रवैये का संदेश गया तो वहीं नगर विधायक की ओर से भी यह संदेश गया कि आम आदमी के साथ कुछ भी होता रहे उन्हें कुछ भी मतलब नहीं वह बस अपने कार्यकर्ताआंे के लिए है। बहरहाल यह घटना शहर के लोगों में बिजली विभाग की दोगली नीति के कारण चर्चा का विषय बनी हुई है। शहर विधायक को चाहिये कि बिजली विभाग के नियम कानूनों के तहत ही कार्यवाही करें क्योंकि दो हजार रूपये के बकाया के चलते कनेक्शन काटा जाना गरीब जनता के लिए चिंता का विषय है। कभी-कभी जनता किसी परेशानी के कारण भी बिजली का बिल देरी से जमा करने को मजबूर होती है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो फिर बिजली विभाग जिस तरह सरकारी विभागों के लाखों करोड़ों के बकाये के आगे घुटने टेके हुए है तो फिर आए दिन इसी तरह जन प्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के कारण कार्यकर्ताओं के आगे भी इसी तरह घुटने टेक देगा।

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