इसी दिशा में शिशु और महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार एवं स्तनपान को बढावा देने के उद्देश्य से डॉ सुमिता प्रभाकर द्वारा सी एम आई हॉस्पिटल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में 140 से महिलाओं, किशोरी लड़कियों व नर्सो ने भाग लिया।
कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ सुमिता प्रभाकर बताया कि स्तनपान जागरूकता कार्यशाला में कार्यशाला में प्रजेटेंशन के माध्यम से महिलाओं को बताया गया की शिशु को जन्म से एक घण्टे बाद स्तनपान कराना क्यों महत्वपूर्ण हैं. साथ ही उन्हें यह भी जानकारी दी गयी कि शिशु के छ: माह की उम्र तक केवल स्तनपान करवाया जाए तथा छ: माह का होने पर स्तनपान के साथ-साथ शिशु को पर्याप्त,सुरक्षित एवं उपयुक्त पूरक ऊपरी आहार दिया जाए. यह आहार छोटे बच्चों की पोषण आवश्यकता को पूरा कर सकेगा. साथ ही शिशु को आहर के साथ २ वर्ष या अधिक स्तनपान कराया जा सकता है. स्तनपान न केवल शिशु को कई बिमारियों से बचता है बल्कि इससे माँ में भी स्तन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा कम हो जाता है।
महिलाओं को स्तनपान के फायदे,स्तनपान और शरीर की प्रतिरक्षण क्षमता, नवजात शिशु का विकास, स्तनपान और मां का स्वास्थ्य आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. साथ ही मां के दूध में सभी प्रकार के पोषक तत्व बिलकुल सही अनुपात में पाए जाते हैं, इसका कोई विकल्प नहीं हो सकता. इसी प्रकार स्तनपान शिशु के स्वास्थ्य के लिए जितना जरूरी होता है उतना ही मां के लिए भी आवश्यक होता है.
डॉ प्रभाकर ने बताया कि शहरी रहनसहन के कारण महिलाओं में स्तनपान की प्रवति में कमी देखी जा रही हैं, स्तनपान माँ और बच्चे के आजीवन अच्छे स्वास्थ्य की नींव हैं, स्तनपान निवारक स्वास्थ देखभाल में अत्यंत महत्वपूर्ण चरण है. समाज और महिलाओं को इसके बारे में जागरूक करने के लिए कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन आने वाले समय में आने अभियान आशा की किरण के तहत आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों के लिए आयोजित की जाने वाली कार्यशालाओं में प्रेजेंटेशन के माध्यम से इसकी जानकारी उपलब्ध करवाएगा।