हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। करूला व जामा मस्जिद क्षेत्र इलेक्ट्रिक कचरे के अवैध कारोबार का हब बनते जा रहे है। यहां दिल्ली से इलेक्ट्रिक कचरा लाकर उसे जलाया जाता है। इसके बाद इलेक्ट्रिक प्लेटों से सोने व चांदी के टांके लगी धातुओ को निकाला जाता है और फिर उन्हें भट्टियों में गलाया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान जबरदस्त जहरीली गैस व धुआं निकलता है जिसकी जद में आकर यहां के लोग टीबी व कैंसर जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे है। ताज्जुब की बात यह है कि पुलिस भी यह अच्छी तरह जानती है कि करूला व जामा मस्जिद क्षेत्रों में ई कचरा जलाये जाने व इलेक्ट्रिक धातुओं को गलाये जाने का कार्य चल रहा है मगर फिर भी जिस स्तर पर कार्यवाही होनी चाहिये वह नहीं हो पाती। यह पुलिस की लचर कार्यवाही का ही नतीजा है कि करूला क्षेत्र में पुलिस दर्जनों बार इलेक्ट्रिक कचरा जलाये जाने वाले गोदामों को सील कर चुकी है मगर फिर भी यहां ई कचरा जलाये जाने का धंधा बदस्तूर जारी है। धंधेबाज जरा भी बाज नहंी आ रहे है। इसका सीधा सा कारण है कि इलेक्ट्रिक कचरा जलाये जाने वालो के दिलो में पुलिस का जरा भी खौफ नहीं है अगर खौफ होता तो वह यह अवैध धंधा छोड़कर कुछ और कर रहे होते। पुलिस प्रशासन को इस पर गम्भीरता से सोचने की आवश्यकता है कि इलेक्ट्रिक कचरे का हब बनते जा रहे करूला व जामा मस्जिद क्षेत्रों मेें ई कचरा जलाने वालों की कमर को कैसे तोड़ना है जिससे पुलिस का रसूख भी कायम रहे और लोगों को प्रदूषित वातावरण से निजात मिले।