अहमदाबाद में 8 और 9 अप्रैल को साबरमती रिवर फ्रंट पर होगा कांग्रेस का अधिवेशन, जानिए क्या होगा
पार्टी ने अधिवेशन का विषय ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष’ तय किया है। विदेश नीति, शिक्षा और निजी क्षेत्र में आरक्षण के कार्यान्वयन पर चर्चा होने की संभावना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस ने लड़ने का जज्बा या जोश नहीं खोया है, बदलाव धीरे-धीरे होता है। अहमदाबाद में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अधिवेशन से पहले कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने एक इंटरव्यू में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव हो रहा है और युवा नेता उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में जवाबदेही के साथ-साथ विचारधारा को मजबूत करना मुख्य मंत्र होगा।
पुराना गौरव बहाल करने पर जोर
सचिन पायलट ने कहा कि गुजरात में हो रहा एआईसीसी अधिवेशन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रहा है जब ध्यान संबंधित राज्य में पार्टी को मजबूत करने और वहां इसका पुराना गौरव बहाल करने पर है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पार्टी भले ही लोकसभा चुनावों के बाद कुछ राज्यों में चुनाव हार गई हो, लेकिन उसने लड़ने का जज्बा या जोश नहीं खोया है। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव का समय आ गया है, पायलट ने कहा कि कोई भी बदलाव रातोंरात नहीं होता बल्कि धीरे-धीरे होता है।
उन्होंने कहा,‘पार्टी पिछड़ों, युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अल्पसंख्यकों की स्थिति को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। ये वे वर्ग हैं जो हमारी आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा हैं और इन वर्गों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है।’’
युवा अब नेतृत्व की भूमिकाएं संभाल रहे हैं
पायलट ने कहा, पार्टी के मंच पर हमने उदयपुर घोषणापत्र को स्वीकार किया और उसका पालन कर रहे हैं। पार्टी की सभी नियुक्तियों में हम उस घोषणापत्र को ध्यान में रख रहे हैं। (पीढ़ीगत) बदलाव अपने आप हो रहा है, कई लोग अब नेतृत्व की भूमिकाएं संभाल रहे हैं चाहे वह संसद के भीतर हो या संसद के बाहर, राज्यों में हो या एआईसीसी में नए लोगों की नियुक्ति हो, युवा अब नेतृत्व की भूमिकाएं संभाल रहे है