‘अंग्रेजी… उर्दू… कठमुल्ला…’, CM योगी के बयान पर अखिलेश ने दिया जवाब, जानें क्या बोले
सीएम योगी ने मंगलवार को विधानसभा में सपा पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने अंग्रेजी और उर्दू में पढ़ाई को लेकर भी बयान दिया। इस पर अखिलेश यादव ने पलटवार किया है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मंगलवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। विधानसभा में सीएम योगी के बयान का जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि वे पढ़ाई के लिए कभी नहीं रुकते, हम लैपटॉप बांटने वाले लोग हैं। अखिलेश यादव की यह टिप्पणी तब आई जब सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके नेता अपने बच्चों को अंग्रेजी भाषा सीखने के लिए भेजते हैं, लेकिन दूसरों को उर्दू सीखने के लिए कहते हैं और उन्हें ‘कठमुल्ला’ और मौलवी बनने के लिए मजबूर करते हैं।
सपा प्रमुख ने कहा, “‘मौलाना’ और ‘योगी’ दोनों बनना अच्छी बात है, लेकिन बुरा योगी बनना अच्छा नहीं है। अगर हम शिक्षा की बात करें तो समाजवादी पार्टी ने अपने कार्यकाल के दौरान लैपटॉप बांटे थे। मैं शर्त लगा सकता हूं कि जिस वार्ड में सीएम रहते हैं वहां आपको 100-200 लैपटॉप मिल जाएंगे। हम शिक्षा कभी नहीं रोकते, हम वो लोग हैं जो लैपटॉप बांटते हैं।” उन्होंने कहा, “पूरे प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों की क्या स्थिति है? लाखों छात्र अब प्राथमिक विद्यालयों में दाखिला नहीं ले रहे हैं, सरकार को पहले संख्या बतानी चाहिए। नेताजी ने हमेशा हिंदी का समर्थन किया है और इसे बढ़ावा देने की बात कही है। समाजवादी पार्टी ने हमेशा इसका समर्थन किया है और हम हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए कुछ भी करेंगे।”इससे पहले भी अखिलेश यादव ने कहा कि गाजीपुर जिले में एक प्राथमिक विद्यालय के प्रवेश द्वार से 1965 के युद्ध के नायक वीर अब्दुल हमीद का नाम हटाया जाना बेहद निंदनीय और अशोभनीय है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि अब भारत का नाम बदलकर ‘भाजपा’ करना ही बाकी रह गया है। बता दें कि गाजीपुर जिले के धामूपुर गांव के स्कूल की हाल ही में रंगाई-पुताई के बाद उसका नाम बदलकर ‘पीएम श्री कम्पोजिट विद्यालय’ कर दिया गया था। उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘‘ये बेहद निंदनीय और अशोभनीय है कि देश के लिए शहीद होने से अधिक महत्व किसी और को दिया जा रहा है। अब बस यही बाक़ी है कि कुछ लोग देश का नाम ‘भारत’ की जगह ‘भाजपा’ रख दें। जिन्होंने न आज़ादी दिलाने में कोई भूमिका निभाई, न ही आज़ादी बचाने में वो शहीदों का महत्व क्या जानें।”