मस्जिदों में मंदिर तलाशना बंद कर दे नहीं तो…स्वामी प्रसाद मौर्य ने दी खुली धमकी
मंदिर मस्जिद विवाद पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने भाजपा को धमकी दी है कि मस्जिदों में मंदिर तलाशना बंद कर दें नहीं तो मंदिरों में बौद्ध मठ तलाशने शुरू हो जायेंगे।
मैनपुरी: राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य मंगलवार की देर रात मैनपुरी दौरे पर थे। वे किशनी बिधानसभा क्षेत्र के कुसमरा क्षेत्र में गांव गोला कुआं के मनोज शाक्य की मां के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए पहुंचे थे। वहां उन्होंने जहां पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा और धमकी दे दी। स्वामी प्रसाद मौर्य ने विवादित बयान दिया और कहा कि मस्जिदों में मंदिर तलाशना बंद कर दें नहीं तो मंदिर में बौद्ध खोजे जाएंगे।
संभल की घटना को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा देखिए अगर गड़े मुर्दे उखाड़ेंगे तो मस्जिद में मंदिर खोजने वालों को बहुत महंगा पड़ेगा, इसलिए हर मस्जिद में मंदिर खोजना बंद कर दें क्योंकि अगर मस्जिद में मंदिर खोजेंगे तो लोग मंदिरों में बौद्ध मठ खोजना शुरू कर देंगे। इतिहास इस बात का गवाह है बद्रीनाथ, केदारनाथ,जगन्नाथ पुरी,रामेश्वरम यह सब बौद्ध तीर्थ स्थल थे इन सब को हिंदू धर्म में बदल दिया गया है। अगर ऐसा है तो बात यहां नहीं रुकेगी, बात इसके आगे भी जाएगी।
मौर्य ने पूछा कि सम्राट अशोक ने 84 हजार बौद्ध स्तंभ बनाए थे आखिर वह कहां चले गए। यानी कि इन्हीं लोगों ने उनको तोड़कर मंदिर बनाया है तो अगर मस्जिद में मंदिर खोजा जाएगा तो मंदिर में बौद्ध मठ खोजा जाएगा।
सभी मूलभूत समस्याओं पर अपनी जवाब देही ना देनी पड़े इसके लिए सरकार देश की जनता को मंदिर मस्जिद और हिंदू मुस्लिम जैसे मुद्दों पर उलझा कर गुमराह करने की कोशिश कर रही है। जिससे सरकार की कलई ना खुले, सरकार की असफलता का जिक्र ना हो, बिगड़ी कानून व्यवस्था पर बहस ना हो, बेरोजगारी पर चर्चा ना हो, महंगाई पर चर्चा ना हो, जाति जनगणना पर चर्चा ना हो। आरक्षण खत्म किया जा रहा है और संविधान पर चर्चा ना हो। जनता की आंख में धूल झोंकने के लिए हिंदू मुस्लिम का नाम लेकर के जनता को भटकाया जा रहा है।
देश में अमन चैन रहे इसके लिए जरूरी है 15 अगस्त 1947 के दिन देश के किसी भी धर्म की जो धार्मिक स्थल स्थिति जैसी रही उसको स्वीकार करना चाहिए। जिसके लिए देश में अमन चैन और आपसी सौहार्द भाई चारा बना रहे। जो यहां की संस्कृति थी हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई बौद्ध जैन पारसी आपस में भाई-भाई बनकर देश आगे बढ़ाएं। मंदिर मस्जिद की राजनीति वही हो रही है जहां पर भाजपा की सरकारे हैं।