‘कांग्रेस को राम से है एलर्जी’, सिद्धारमैया सरकार ने बदला रामनगर जिले का नाम तो भड़के केंद्रीय मंत्री; अब क्या कहलाएगा?

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‘कांग्रेस को राम से है एलर्जी’, सिद्धारमैया सरकार ने बदला रामनगर जिले का नाम तो भड़के केंद्रीय मंत्री; अब क्या कहलाएगा?
रामनगर उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार का गृह जिला है। वह जिले के कनकपुरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में पहली बार यह प्रस्ताव रखा था।
कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु साउथ करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया। कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने कहा, ‘‘हमने रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु साउथ करने का निर्णय लिया है… यह वहां के लोगों की मांग पर किया गया है। राजस्व विभाग इस प्रक्रिया को शुरू करेगा।’’मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए पाटिल ने कहा, ‘‘केवल जिले का नाम बदलेगा, शेष सभी नाम (तालुकाओं के) वही रहेंगे।’’ उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘सिर्फ जिले का नाम बदलेगा, बाकी सब वही रहेगा।’’ राजधानी बेंगलुरु से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित रामनगर कस्बा बेंगलुरु साउथ जिले का मुख्यालय बना रहेगा। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘रामनगर के लोग ब्रांड बेंगलुरु के अंतर्गत आना चाहते हैं। जिले के लोगों और कुछ प्रमुख हस्तियों की राय है कि वे ब्रांड बेंगलुरु चाहते हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या यह निर्णय चुनाव को ध्यान में रखकर लिया गया है, पाटिल ने कहा, ‘‘यह चुनाव को ध्यान में रखकर नहीं लिया गया, यह वहां के लोगों और जनप्रतिनिधियों की मांग पर आधारित है।’’
केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे साबित हो गया है कि कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की सरकार राम विरोधी है। उन्होंने प्रस्ताव को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यदि कर्नाटक सरकार प्रस्ताव वापस नहीं लेती है तो भाजपा इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। प्रहलाद जोशी ने कहा, इससे पता चलता है कि उन्हें राम और राम मंदिर से एलर्जी है, यहां तक ​​कि राम के नाम से भी उन्हें काफी एलर्जी है। जब हम राम मंदिर बना रहे थे, तब भी वे ऐसा ही करते थे, लेकिन रामनगर का नाम बदलने के फैसले से कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार ने साबित कर दिया है कि वे राम के खिलाफ हैं।रामनगर उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार का गृह जिला है। वह जिले के कनकपुरा विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और उन्होंने पिछले साल अक्टूबर में पहली बार यह प्रस्ताव रखा था। अगस्त 2007 में जब रामनगर जिला बनाया गया था तब केंद्रीय मंत्री और जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) के नेता एच डी कुमारस्वामी जद-एस-भाजपा गठबंधन के मुख्यमंत्री थे। प्रस्ताव पर कटाक्ष करते हुए कुमारस्वामी ने हाल ही में कहा था कि यदि वह दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो इस योजना के लागू होने पर वह इसे पलट देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने आरोप लगाया था कि इस प्रस्ताव के पीछे का उद्देश्य वहां रियल एस्टेट के अवसरों का दोहन करने का है। रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलुरु साउथ करने का प्रस्ताव हाल में तब जोर पकड़ गया जब उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और इस मुद्दे को उठाने के लिए एक ज्ञापन सौंपा। रामनगर जिले में रामनगर, मगदी, कनकपुरा, चन्नापटना और हरोहल्ली तालुका शामिल हैं।