उपराष्ट्रपति धनखड़ के अपमान पर बुरी तरह भड़के योगी आदित्यनाथ

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उपराष्ट्रपति धनखड़ के अपमान पर बुरी तरह भड़के योगी आदित्यनाथ, विपक्ष को यूं लगाई फटकार
सीएम योगी ने कहा कि संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के प्रति अहंकार और विद्वेष से परिपूर्ण यह कृत्य अत्यंत ही शर्मनाक है।
संसद भवन के परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने पर पूरे देश में विपक्षी नेताओं का विरोध शुरू हो गया है। पीएम मोदी से लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कई अन्य नेताओं ने इस मामले में निराशा जताई है। मिमिक्री करने वाले तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी और उनका वीडियो बनाने वाले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सभी के निशाने पर हैं। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विपक्षी नेताओं पर बड़ा हमला बोला है।
विपक्ष पर भड़कते हुए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिखा- “संसद परिसर में माननीय उपराष्ट्रपति और राज्य सभा के माननीय सभापति श्री जगदीप धनखड़ जी के प्रति विपक्ष का असंसदीय, अशोभनीय और अक्षम्य आचरण अलोकतांत्रिक होने के साथ ही उनके कुसंस्कारों को भी दर्शाता है। संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के प्रति अहंकार और विद्वेष से परिपूर्ण यह कृत्य अत्यंत ही शर्मनाक है। संसदीय गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले इस
राहुल और कल्याण बनर्जी ने दी सफाई
उपराष्ट्रपति की मिमिक्री मामले में निशाने पर आने के बाद राहुल गांधी और कल्याण बनर्जी ने सफाई जारी की है। कल्याण बनर्जी ने कहा कि मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का इरादा कभी नहीं था। धनकड़ साहब मुझसे बहुत वरिष्ठ हैं, मुझे नहीं पता कि उन्होंने इसे अपने ऊपर क्यों लिया है। मेरा सवाल यह है कि अगर उन्होंने इसे अपने ऊपर ले लिया है, तो क्या वे राज्यसभा में इस तरह का व्यवहार करते हैं? वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि सांसद वहां बैठे थे, मैंने उनका वीडियो शूट किया। मेरा वीडियो मेरे फोन पर है। मीडिया इसे दिखा रहा है, किसी ने कुछ नहीं कहा। हमारे 150 सांसदों को (सदन से) बाहर निकाल दिया गया है लेकिन मीडिया में उस पर कोई चर्चा नहीं है।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने भी बयान दिया
उपराष्ट्रपति धनखड़ के अपमान पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा-“जिस तरह से हमारे सम्मानित उपराष्ट्रपति को संसद परिसर में अपमानित किया गया, उसे देखकर मुझे निराशा हुई। निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति की गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए। यह संसदीय परंपरा रही है जिस पर हमें गर्व है और भारत के लोग उनसे इसे कायम रखने की उम्मीद करते हैं।” वहीं, पीएम मोदी ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को फोन कर के कहा कि वे भी पिछले 20 साल से इस तरह का अपमान सह रहे हैं, लेकिन अपना फर्ज निभाते रहे। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है।

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