अगले पांच साल में पटरियों पर उतरेंगी 3 हजार से ज्यादा नई ट्रेनें, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया ऐलान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “लंबे रूट की ट्रेनों की गति बढ़ाने और धीमी करने में लगने वाले समय को कम करना बहुत जरूरी है क्योंकि निर्धारित स्टेशनों पर रुकने के अलावा ट्रेनों को मार्ग के कई मोड़ों पर गति कम करनी पड़ती है।”
पिछले कुछ वर्षों से भारतीय रेलवे में विकास की एक नई इबारत लिख रहा है। कई किलोमीटर की नई रेल पटरियां बिछाई गईं। कई नई ट्रेनें शुरू हुई हैं। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन जैसी विश्व प्रसिद्ध भी इन्हीं कुछ वर्षों में पटरियों पर दौड़ी हैं। अब अगले पांच वर्ष रेलवे और भी हजारों ट्रेनें दौड़ाने की योजना बना रहा है। योजना के अनुसार, रेलवे अगले पांच सालों में तीन हजार से ज्यादा ट्रेनें दौड़ाने का प्लान बना रहा है।
तीन हजार नई ट्रेनें शुरू करने की योजना पर काम कर रहा रेलवे
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि रेलवे की मौजूदा यात्री क्षमता को 800 करोड़ से बढ़ाकर एक हजार करोड़ करने के लिए वह अगले चार-पांच वर्षों में तीन हजार नई ट्रेनें शुरू करने की योजना पर काम कर रहे हैं। वैष्णव ने यह भी कहा कि यात्रा का समय कम करना उनके मंत्रालय का एक और महत्वपूर्ण लक्ष्य है। वैष्णव ने कहा, ”वर्तमान में लगभग 800 करोड़ यात्री सालाना रेलवे का सफर कर रहे हैं। हमें चार से पांच साल में इस क्षमता को बढ़ाकर एक हजार करोड़ करना होगा क्योंकि जनसंख्या बढ़ रही है।” ‘यात्रियों की इस बढ़ी हुई संख्या को सहूलियत देने में मदद करेंगी’
उन्होंने कहा, “इसके लिए हमें तीन हजार अतिरिक्त ट्रेनों की जरूरत है, जो यात्रियों की इस बढ़ी हुई संख्या को सहूलियत देने में मदद करेंगी।” रेलवे सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल 69 हजार नए कोच उपलब्ध हैं और हर साल रेलवे करीब पांच हजार नए कोच बना रहा है। सूत्रों ने कहा कि इन सभी प्रयासों से रेलवे हर साल 200 से 250 नयी ट्रेनें ला सकता है, जो 400 से 450 वंदे भारत ट्रेनों से अलग हैं। ये ट्रेनें आने वाले वर्षों में रेलवे से जुड़ने जा रही हैं। वैष्णव ने कहा कि यात्रा का समय कम करना रेलवे के लिए एक और लक्ष्य है, जिसके लिए मंत्रालय ट्रेनों की गति में सुधार और रेल नेटवर्क का विस्तार करने पर काम कर रहा है। ‘ हर साल लगभग पांच हजार किलोमीटर ट्रैक बिछाए जा रहे’
वैष्णव ने कहा कि रेलवे की क्षमता को और बढ़ाने के लिए हर साल लगभग पांच हजार किलोमीटर ट्रैक बिछाए जा रहे हैं। वैष्णव ने कहा, ”एक हजार से अधिक फ्लाईओवर व अंडरपास को भी मंजूरी प्रदान की गई है और कई स्थानों पर काम शुरू हो चुका है। पिछले साल, हमने 1,002 फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण किया था और इस साल हमारा लक्ष्य इस संख्या को बढ़ाकर 1,200 करना है।”