सीएम योगी के ‘सिंधु’ वापस लेने के बयान से पाकिस्तान को लगी मिर्ची, जारी किया जवाब
रविवार को लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हमारी विरासत कभी भी हमसे अलग नहीं हो सकती। जिसने भी अपनी विरासत को भुलाया और उससे दूर रखा, उसका पतन हुआ है।
500 वर्षों के बाद ‘श्री राम जन्मभूमि’ वापस ली जा सकती है तो कोई कारण नहीं कि ‘सिंधु’ को वापस न ले सकें। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के इस बयान ने केवल राज्य और देश नहीं बल्कि विदेशों में भी खलबली मचा दी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान को सीएम योगी के इस बयान से इतनी मिर्ची लगी है कि उसकी ओर से आधिकारिक बयान भी जारी कर दिया गया है। आइए जानते हैं कि क्या है ये पूरा विवाद।
रविवार को सीएम योगी सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सिंधी अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। सीएम योगी ने कहा कि सिर्फ एक व्यक्ति की जिद की वजह से देश को विभाजन की त्रासदी से गुजरना पड़ा। देश के बंटवारे की वजह से लाखों लोगों का कत्लेआम हुआ। उन्होंने कहा कि सिंधी समाज को अपने इतिहास के बारे में अपनी वर्तमान पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है। इसी दौरान सीएम योगी ने कहा था कि जब 500 वर्षों के बाद ‘श्री राम जन्मभूमि’ वापस ली जा सकती है तो कोई कारण नहीं कि ‘सिंधु’ को वापस न ले सकें।
सीएम योगी के इस बयान पर पाकिस्तान के अधिकारियों ने बौखलाहट भरा बयान जारी किया है। सीएम योगी द्वारा सिंधु को वापस लिए जाने के बयान पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए गैरजिम्मेदाराना बयान की निंदा करते हैं। विदेश मंत्रालय ने इसके साथ ही सीएम योगी को हिंदुत्व की विचारधारा का समर्थक बताया है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने और वहां राम मंदिर बनाने का भी जिक्र किया है। पाकिस्तान ने कहा कि सीएम योगी का बयान उकसाने वाला और अंखड भारत के निराधार दावे से प्रेरित है। साथ ही उसने भारतीय नेताओं को पड़ोसी देशों के साथ विवाद को सुलझाने और उनके साथ मिलकर शांतिपूर्ण और समृद्ध दक्षिण एशिया बनाने के लिए काम करने की भी अपील की है।