क्या BJP को राजस्थान और मध्य प्रदेश में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहिए

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क्या BJP को राजस्थान और मध्य प्रदेश में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहिए?, सवाल पर जनता ने दी अपनी राय
राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ छत्तसीगढ़ में भी बीजेपी ने अभी तक किसी भी नेता को मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं बनाया है। इस बार बीजेपी ने इन राज्यों में सामूहिक नेतृत्व के दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
इस साल के अंत में राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव होने हैं, जहां सीधी लड़ाई बीजेपी और कांग्रेस में है। इन दोनों राज्यों में बीजेपी ने अभी तक किसी भी नेता को मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं बनाया है। वसुंधरा राजे राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं। वे इससे पहले तीन बार राज्य में सीएम रह चुके हैं। हालांकि, बीजेपी ने इन दोनों राज्यों में सामूहिक नेतृत्व के दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। जिसमें जनता ने अपनी राय दी है और आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
“क्या BJP को राजस्थान और मध्य प्रदेश में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहिए?” इसके लिए जवाब में हमने ‘हां’, ‘नहीं’ और ‘कह नहीं सकते’ के विकल्प दिए थे। पोल पर कुल 5382 लोगों ने अपनी राय दी, जिसके नतीजे हैरान करने वाले हैं। 81 फीसदी लोगों ने बीजेपी को दोनों राज्यों में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की सलाह दी। 16 फीसदी लोगों ने नहीं में जवाब दिया, जबकि 3 फीसदी लोग ऐसे भी रहे, जो इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए।बीजेपी के सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर जनता से सवाल
गौरतलब है कि इस साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव होने वाले हैं। पांच राज्यों में चुनाव से पहले बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की आज 30 सितंबर को तीसरी बैठक होगी। नई दिल्ली में दो दिन चलने वाली इस बैठक में राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उम्मीदवारों के नाम फाइनल होंगे। बता दें कि मिजोरम में 17 दिसंबर, छत्तीसगढ़ में 3 जनवरी, मध्य प्रदेश में 6 जनवरी, राजस्थान में 14 जनवरी और तेलंगाना में 16 जनवरी को विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।

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