कोलकाता। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में जंगी जहाज आईएनएस विंध्यागिरी को लॉन्च किया। कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड में इस जंगी जहाज को लॉन्च किया गया।इसका नाम कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला के नाम पर आईएनएस विंध्यागिरी रखा गया है और यह प्रोजेक्ट 17ए का छठवां युद्धपोत है। इसे भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है।
यह युद्धपोत एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर्स और नौसैनिक गन से लैस हैं। ये गन दुश्मन के जहाज या हेलिकॉप्टर पर हमला करने में सक्षम है।विंध्यागिरी से बराक-8 मिसाइल भी लॉन्च की जा सकती है। इसमें बेहतर स्टेल्थ फीचर्स, आधुनिक हथियार, सेंसर, प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम, रडार सिस्टम और एंटी-सबमरीन वेपन सिस्टम भी हैं। इसकी लंबाई 149 मीटर है और ये लगभग 6,670 टन वजनी है। ये 28 समुद्री मील की रफ्तार से तैर सकता है।
विंध्यागिरी का नाम कर्नाटक की पर्वत श्रृंखला विंध्यागिरी के नाम पर रखा गया है। इससे पहले जिन युद्धपोतों को लॉन्च किया गया है, उनके नाम भी पर्वत श्रृंखलाओं के आधार पर आईएनएस नीलगिरी, आईएनएस उदयगिरी, आईएनएस हिमगिरी, आईएनएस तारागिरी और आईएनएस दूनागिरी रखे गए थे।ये हवा, जमीन और पानी तीनों सतहों से आने वाले खतरों को बेअसर करने में सक्षम है। इसमें इस्तेमाल किए गए 75 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी हैं।
इससे पहले जुलाई, 1981 से जून, 2012 तक 31 साल के लिए आईएनएस विंध्यागिरी भारतीय नौसेना में रहा है। इस दौरान इस युद्धपोत ने कई चुनौतीपूर्ण अभियानों और अभ्यासों में अहम भूमिका निभाई थी।हालांकि, साल 2011 में आईएनएस विंध्यागिरी मुंबई पोर्ट पर एक जर्मन जहाज से टकरा गया था। इस हादसे के बाद युद्धपोत में आग लग गई और यह डूब गया।अब नए विंध्यागिरी को आधुनिक तकनीक से अपग्रेड कर नौसेना में शामिल किया जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 7 युद्धपोतों का निर्माण किया जाना है। इसके तहत मझगांव डॉक लिमिटेड की तरफ से 4 और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड की तरफ से 3 युद्धपोत बनाए जाने हैं।2019 से 2022 के बीच 7 में 5 युद्धपोत लॉन्च हो चुके हैं। आईएनएस विंध्यागिरी इस प्रोजेक्ट का छठवां युद्धपोत है। इस प्रोजेक्ट के तहत सातवां और आखिरी युद्धपोत 2025 में लॉन्च किया जाना है।
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