जम्मू के कटरा में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर मापी गई इतनी तीव्रता

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जम्मू के कटरा में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर मापी गई इतनी तीव्रता
जम्मू के कटरा में भूकंप से कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर मापी गई इतनी तीव्रता
कटरा में यह भूकंप रात 10:07 बजे आया। हालांकि भूकंप से किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है।
कटरा: जम्मू-कश्मीर के कटरा में सोमवार देर रात भूकंप से धरती कांप उठी। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र रात 10:07 बजे जम्मू-कश्मीर के कटरा में रिक्टर स्केल पर 3.8 तीव्रता का भूकंप मापा गया। हालांकि इससे किसी भी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। जानकारी के अनुसार, भूकंप के झटकों को महसूस करने के बाद लोग एतिहातन अपने घरों से बाहर निकल आये। यह धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।
भूकंप का केंद्र वह जगह होती है, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा महसूस होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती है, इसका प्रभाव कम होता जाता है। इसकी तीव्रता का मापक रिक्टर स्केल होता है। रिक्‍टर स्‍केल पर यदि 7 या इससे अधिक तीव्रता का भूकंप आता है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर की तरफ होती है तो प्रभाव क्षेत्र कम होता है। भूकंप की जितनी गहराई में आता है, सतह पर उसकी तीव्रता भी उतनी ही कम महसूस की जाती है।

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