टमाटर की महंगाई तो देखी, अब इसकी बागवानी भी देख लो… लाखों में हो रही ग्रेजुएट किसान को कमाई
कश्मीर जैसी जगह जो साल में करीब 8 महीने ठंडा रहती है, यहां टमाटर की खेती करना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन खुर्शीद अहमद की मेहनत और सफलता से कश्मीर के कई दूसरे किसान भी प्रभावित हुए हैं।
कश्मीर के एक ग्रेजुएट किसान ने सफलता की नई कहानी लिख दी है। खेती के नाम से जाने जाना वाला महशूर बुडगाम जिले में अभी सालभर टमाटर की फसल तैयार हो रही हैं। इसमें कृषि विभाग भी हर तरह से मदद कर रहा है। बुडगाम के रहने वाले ग्रेजुएट खुर्शीद अहमद ने साल 2019 से कश्मीर में खेती बाड़ी का काम शरू किया और महज 2 सालों में हजारों किसानो के लिए एक प्रेरणा बन गया। खुर्शीद अहमद एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इन्होंने ग्रेजुएशन करने के बाद खेती बाड़ी का काम करना पसंद किया। इसके लिए खुर्शीद ने कृषि विभाग की मदद से पहले बेंगलुरु में ट्रेनिंग हासिल की और फिर देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले टमाटर की खेती का काम शरू किया। महज 2 सालों में खुर्शीद ने टमाटर की खेती करके लाखों रुपये कमा लिए। कश्मीर जैसी जगह जो साल में करीब 8 महीने ठंडा रहती है, यहां टमाटर की खेती करना कोई आसान काम नहीं हैं। चूंकि टमाटर देशभर में सबसे ज्यादा इस्तमाल होता हैं इसलिए खुर्शीद ने अपने खेतों में कृषि विभाग की मदद से ग्रीन हाउस के भीतर टमाटर उगाने का काम शरू किया और इस में वह सफल रहे। खुर्शीद ने पहले साल कम जमीन पर ग्रीन हाउस बनाकर टमाटर की खेती शरू की। जब मुनाफा अच्छा हुआ तो इस बार उस ने करीब 500 स्क्वायर फीट जमीन पर ग्रीन हाउस बनाया हैं। उसे उम्मीद है कि इस साल उसकी आमदनी में पिछले साल से ज्यादा मुनाफा होगा।
इंडिया टीवी से बात करते हुए खुर्शीद ने कहा, यह कॉन्सेप्ट बेंगलुरु में ट्रेनिंग के दौरान तब मिला जब मैंने देखा बहार के राज्यों में किस तरह से लोग पथरीली जमीन पर सब्जी उगाते हैं तो क्यू ना मैं यहां कश्मीर में ऐसा ही कुछ करू जिससे यहां सब्जी की पैदावार को बढ़ावा मिले। यहां के मौसम को देखकर मुझे टमाटर उगाने का आइडिया इसलिए आया क्योंकि एक तो टमाटर को हर सब्जी के साथ पकाया जाता है और दूसरा कश्मीर में फसल साल में एक या दो बार निकलती है। लेकिन ग्रीन हाउस के जरिये पूरे साल हम सब्जी उगा सकते हैं। अपनी सफलता को देखते हुए खुर्शीद ने दूसरे किसानों से भी अपील की है कि वो भी ग्रीन हाउस के जरिए सब्जियां उगाएं क्योंकि इसमें काफी ज्यादा फायदा है।खुर्शीद की मेहनत और सफलता से कश्मीर के कई दूसरे किसान भी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने खुर्शीद को किसान संगठन का चेयरमैन बनाया है और उनसे खेती करने के लिए सलाह मश्वरा भी ले रहे हैं। किसानों का मानना है कि कश्मीर जैसी जगह पर सब्जी उगाना उनके लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकता है। किसानों का ये भी कहना है कि इस तरह से सब्जी उगाना और खासकर टमाटर जो आज काफी ज्यादा महंगा है, इससे किसानों को चार गुना ज्यादा फायदा मिलेगा। कश्मीर में ग्रीन हाउस के भीतर सब्जियां उगाने के इस कॉन्सेप्ट को कृषि विभाग की तरफ से किसानों को भरपूर सहयोग मिल रहा है। कृषि विभाग के अफसर सईद शाबिर हुसैन ने कहा कि भारतीय सरकार द्वारा हर किसान की मदद करने के आदेश मिले हैं जिसके चलते बड़गाम के नरकरा इलाके में हमने यहां के किसानों को बाहर ट्रेनिंग के लिए भेजा ताकि बेहतर तकनीकें, बीज, तपमान की जानकारी हासिल करें। उसके बाद यहां ग्रीन हाउस की मदद से सब्ज़ियां उगाएं ताकि किसानों को ज्यादा फायदा मिले। फिलहाल इस इलाके में 3 ग्रीन हाउस बने हैं, जिससे यहां रोजगार में बढ़ोतरी हुई है और सरकार की तरफ से सब्सिडी का भी फायदा मिल रहा है।