यूनियनों के विरोध के बीच एयर इंडिया ने पायलट अनुबंधों की समय सीमा बढ़ाई

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नई दिल्ली 11 मई,। एयर इंडिया ने दो यूनियनों के विरोध के बावजूद पायलटों के लिए संशोधित मुआवजा ढांचे को स्वीकार करने की समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। एयर इंडिया द्वारा आयोजित 4 मई की टाउन हॉल मीटिंग के बाद ये फैसला लिया गया। मीटिंग में कई पायलटों की चिंताओं को संबोधित किया गया था। सूत्रों ने खुलासा किया कि बैठक के दौरान, लगभग 800 पायलट, जो अभी तक नए मुआवजे के ढांचे पर सहमत नहीं हुए थे, टाउन हॉल मीटिंग में मौजूद थे।
बैठक की अध्यक्षता एयर इंडिया के चीफ ऑफ ऑपरेशंस कैप्टन राजविंदर सिंह संधू ने की, जो खुद एक पायलट हैं। एयरलाइन ने नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर करने के लिए पायलटों को इस सप्ताह के अंत तक का समय दिया है। इस बीच, दो पायलट यूनियन इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) और इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने एयरलाइन के संशोधित मुआवजे के ढांचे पर चर्चा के लिए मंगलवार को एक संयुक्त बैठक बुलाई।
एक सूत्र के अनुसार, बड़ी संख्या में पायलट नए अनुबंधों पर हस्ताक्षर नहीं करने के अपने रुख पर अड़े रहे। पायलटों द्वारा उठाई गई चिंताओं को देखते हुए, एयरलाइन ने नए अनुबंधों के बारे में निर्णय लेने के लिए समय सीमा बढ़ाने का फैसला किया। विस्तारित समय सीमा अब इस सप्ताह के अंत तक पायलटों को अपना मन बनाने की अनुमति देती है।
नई सेवा शर्तों को संबोधित करने और आगे का रास्ता तय करने के लिए, यूनियनों ने अपने संबंधित सदस्यों के साथ एक वर्चुअल बैठक की। सूत्रों ने कहा, इस बैठक का मकसद संशोधित मुआवजे के ढांचे पर विस्तार से चर्चा करना और भविष्य की कार्रवाई का निर्धारण करना था।
19 अप्रैल को आईसीपीए और आईपीजी ने एयरलाइन के प्रस्तावित नए वेतन ढांचे को खारिज कर दिया था। विवाद की प्राथमिक जड़ नए ढांचे के तहत हर महीने उड़ान भत्ते को 70 घंटे से घटाकर 40 घंटे करना है, जिसे पायलट अनुचित मानते हैं। दोनों यूनियनों ने प्रबंधन को उनकी सहमति के बिना नई शर्तों के साथ आगे नहीं बढऩे की चेतावनी दी है।
जबकि एयर इंडिया ने कहा है कि वह अपने शेष कर्मचारियों के साथ जुडऩा जारी रखेगी, एयरलाइंस ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि एयर इंडिया में कोई मान्यता प्राप्त यूनियन नहीं है। पायलट यूनियन ने अपने सदस्यों को प्रबंधन द्वारा दी गई नई रोजगार शर्तों और वेतन संरचना को नहीं मानने को कहा है।

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