दिल्ली नगर निगम की 250 सीटों के 1,349 उम्मीदवारों के भविष्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया है। तयशुदा समय 5:30 बजे 50.47 फीसदी मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया। वर्ष 2017 के एमसीडी चुनाव की तुलना में इस बार करीब तीन प्रतिशत मतदान कम हुआ। भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने सभी ईवीएम 42 स्टांग रूम में रखवा दी है। इन्हीं सेंटर पर अब सात दिसंबर को मतगणना होगी। इसके बाद दिल्ली की मिनी सरकार का गठन होगा।
उधर, मतदान के दौरान आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस ने मतदाताओं के वोट कटने की शिकायत भी की। यहां तक कि सूची में नाम न होने से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी भी वोट नहीं दे सके। उनकी शिकायत पर दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने मतदान सूची में बदलाव का अधिकार भारतीय निर्वाचन आयोग के पास होने का हवाला देते हुए पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया। अबुल फजल एन्क्लेव में ईवीएम खराब होने से एक घंटे मतदान में देरी हुई। जबकि पुलिस को मामूली नोक-झोंक की करीब 230 पीसीआर काल मिली, लेकिन कहीं पर भी कोई बड़ी वारदात नहीं हुई थी।
दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, रविवार सुबह 8 बजे से वोटिंग शुरू हो गई थी। शुरुआत चार घंटों में मतदान की रफ्तार काफी धीमी रही। इसके बाद इसमें थोडी तेजी आई। शाम 5:30 बजे तक 50 फीसदी मतदान हुआ है। अबुल फजल एन्क्लेव के अलावा कुछ जगहों पर ईवीएम खराब होने की भी शिकायतें मिलीं, जिनको तत्काल दूर कर लिया गया।
दिल्ली राज्य चुनाव आयोग के मुताबिक, तयशुदा समय 5:30 बजे के बाद मतदान केंद्र के अंदर जाने की किसी को इजाजत नहीं दी गई। लेकिन इससे पहले जिन लोगों ने लाइन लगा दी थी, वह वोट देने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते रहे। इससे देर शाम तक वोटिंग होती रही। वोटिंग के बाद सभी ईवीएम को दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में बनाए गए 42 स्ट्रांग रूम में रखवा दिया गया है। यहां के सुरक्षा इंतजाम बेहद सख्त हैं। मतगणना के दिन सात दिसंबर को इसको खोला जाएगा।