मुरादाबाद. उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के उद्योगपति डॉ. अरविंद कुमार गोयल ने अपनी पूरी संपत्ति गरीबों के लिए दान कर दी है। संपत्ति की कुल कीमत करीब 600 करोड़ रुपए है। गोयल ने अपने पास सिर्फ मुरादाबाद सिविल लाइंस स्थित कोठी रखी है। उन्होंने 50 साल की मेहनत से यह प्रॉपर्टी बनाई थी।
गोयल ने दान सीधे राज्य सरकार को दिया है। ताकि जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाई जा सके। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में 100 से ज्यादा शिक्षण संस्थान, वृद्धा आश्रम और अस्पताल में वह ट्रस्टी हैं। कोविड लॉकडाउन के दौरान भी मुरादाबाद के 50 गांवों को गोद लेकर उन्होंने लोगों को मुफ्त खाना और दवा दिलवाई थी।
पत्नी और बच्चों ने भी दिया फैसले में साथ
डॉ. गोयल के परिवार में उनकी पत्नी रेनू के अलावा दो बेटे और एक बेटी है। उनके बड़े बेटे मधुर गोयल मुंबई में रहते हैं। छोटे बेटे शुभम प्रकाश गोयल मुरादाबाद में रहकर बिजनेस में पिता का हाथ बंटाते हैं। बेटी शादी के बाद बरेली में रहती है। बच्चों और पत्नी ने उनके इस फैसले का स्वागत किया है।
डॉ. अरविंद बोले- जीवन का भरोसा नहीं, इसलिए लिया फैसला
डॉ. गोयल ने सोमवार रात संपत्ति दान करने का ऐलान किया। इसके बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि 25 साल पहले ही मैंने अपनी संपत्ति दान करने की ठान ली थी। तब हुई एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “दिसंबर का महीना था। मैं जैसे ही ट्रेन में सवार हुआ। सामने एक गरीब आदमी ठंड से ठिठुरता नजर आया। उसके पास न चादर थी न पैरों में चप्पल। उस आदमी को देखकर मुझसे रहा नहीं गया। मैंने अपने जूते उतारकर उसे दे दिए। कुछ देर मैंने सहन किया। लेकिन कड़ाके की ठंड होने की वजह से मेरी भी हालत खराब होने लगी।”
डॉ. गोयल आगे कहते हैं, “उस दिन मैंने सोचा था कि इसकी तरह कितने लोग ठिठुरते होंगे। तभी से मैंने गरीबों और बेसहारा की मदद करना शुरू किया। अब मैंने काफी तरक्की की है। जीवन का कोई भरोसा नहीं है। इसलिए जीवित रहते अपनी संपत्ति सही हाथों में सौंप दी। ताकि यह अनाथ, गरीब और बेसहारा लोगों के काम आ सकेगी। मैंने अपनी संपत्ति दान करने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिख दिया है। वह आगे की कार्रवाई करेगा।”
5 सदस्यों की कमेटी करेगी निगरानी
डॉ. गोयल की संपत्ति को सही कीमत पर बेचने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी। इसमें तीन सदस्य गोयल खुद नामित करेंगे। बाकी दो सरकार की ओर से नामित होंगे। संपत्ति बेचकर मिले पैसों से अनाथ और बेसहारा लोगों के लिए फ्री शिक्षा और इलाज की व्यवस्था की जाएगी।