नई दिल्ली। दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा नगर निगम के चुनाव टालने और इसके पीछे दी गई दलीलों को लेकर मुख्यममंत्री अरविंद केजरीवाल ने नाराजगी जताई है। उन्होंने चुनाव आयोग पर केंद्र सरकार के आगे झुकने का भी आरोप लगा दिया है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र पर जानबूझकर संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप भी लगाया है। केजरीवाल ने प्रेस वार्ता की शुरूआत करते हुए कहा, दिल्ली में नगर निगम के चुनाव होने थे जिसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने 9 मार्च को सुबह एक प्रेस इनवाइट जारी किया था शाम 5.00 बजे तक आयोग चुनाव की तारीखों का एलान करेगा। उसी शाम एक घंटे पहले शाम चार बजे केंद्र ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी कि हम दिल्ली के तीनों निगमों को एक करना चाहते हैं, इसलिए आज चुनाव टाल दें। केजरीवाल का आरोप है कि इसके बाद चुनाव आयोग ने एमसीडी के चुनाव टालने का एलान कर दिया। शायद देश के 75 सालों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ होगा कि केंद्र सरकार ने सीधे किसी राज्य के चुनाव आयोग को चुनाव टालने के लिए कहा होगा। केजरीवाल ने पूछा कि, भाजपा शासित सरकार बीते लगभग आठ साल से केंद्र में है और अगर उन्हें तीनों निगमों को एक ही करना था तो पहले क्यों नहीं किया। चुनाव की तारीखों के एलान से ठीक पहले ऐसा क्यों किया गया? उनका कहना है कि निगमों का एकीकरण तो बहाना है, मकसद चुनाव टालने का था क्योंकि भाजपा को लगता है कि दिल्ली में आप की लहर है जिसमें भाजपा बह जाएगी और एमसीडी चुनाव हार जाएगी।
सीएम केजरीवाल बोले, लोग कह रहे हैं तीनों नगर निगम को एक करने के लिए चुनाव टालने की क्या जरूरत है। अभी तीन निगम हैं तो तीनों के पार्षद और मेयर अलग-अलग बैठते हैं। अगर तीनों एक हो जाएंगे तो चुनाव के बाद एक साथ बैठेंगे और जब तक तीनों निगम एक नहीं होते तब तक पुरानी व्यवस्था के अनुसार अलग-अलग बैठते रहेंगे। इसमें चुनाव रोकने की क्या जरूरत है? लेकिन मकसद निगमों को एक करने का नहीं बल्कि चुनाव टालने का है।
‘मोदी जी, मैं आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं…’
मुख्यमंत्री बोले ये दोनों चीजें देश के लिए अच्छी नहीं हैं। एक केंद्र का चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर चुनाव टालने के लिए कहना और दूसरा चुनाव आयोग का केंद्र के सामने झुककर चुनाव टाल देना, दोनों ही अच्छा नहीं है। सीएम बोले, मैं हाथ जोड़कर मोदी जी से अपील करता हूं, सरकारें आती-जाती रहेंगी। कल आप नहीं होंगे, मैं नहीं रहूंगा लेकिन ये देश रहेगा। हम इंपॉर्टेंट नहीं हैं, पार्टियां इंपॉर्टेंट नहीं हैं, देश है।
केजरीवाल का कहना है कि अगर पार्टियों के कहने पर चुनाव आयोग चुनाव टालता है तो इससे आयोग कमजोर होता है। आयोग कमजोर होता है तो देश कमजोर होता है। हम सबको मिलकर देश की रक्षा करनी है। किसी भी हालत में हमें देश को कमजोर नहीं होने देना है, संस्थाओं को कमजोर नहीं होने देना है। वह बोले, मेरी आपसे हाथ जोड़कर विनती है चुनाव कैंसिल मत कीजिए। यह जनतंत्र के लिए बहुत बड़ा आघात है।
‘मुझे नहीं पता चुनाव आयोग पर ईडी-सीबीआई किस तरह का दबाव या धमकी डाली गई’
केजरीवाल बोले कि, आज कहा जा रहा है कि निगम को एक करने के लिए चुनाव टाले जा रहे हैं। कल को अगर लोकसभा के चुनाव होने होंगे और ये कहने लगें कि ये पार्लियामेंट सिस्टम अच्छा नहीं है, हमें प्रेसिडेंशियल सिस्टम लागू करना है चुनाव टाल दो क्या चुनाव टाल दिए जाएंगे? मुझे नहीं पता कि राज्य चुनाव आयोग ने किस दबाव, किस धमकी ईडी, सीबीआई किसके डर से चुनाव टाला। या वो अप्रैल में रिटायर हो रहे हैं तो उन्हें कोई पोस्ट रिटायरमेंट कोई लालच दिया गया है, मुझे नहीं पता कि क्या दिया गया है लेकिन वो तुरंत एक घंटे के अंदर चुनाव टालने के लिए तैयार हो गए।
केजरीवाल ने कहा कि मैं स्टेट इलेक्शन कमिश्नर से भी कहना चाहता हूं कि अगर आप ऐसे चुनाव टालेंगे तो जनतंत्र ही नहीं बचेगा। मुझे नहीं पता आपको क्या धमकी दी गई, आप पूरे देश को बाहर आकर बता दीजिए आपको क्या धमकी दी गई या दबाव डाला गया। पूरा देश आपके साथ है।