नीट सॉल्वर गिरोह के दो जालसाजों को वाराणसी कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम ने बृहस्पतिवार को चौकाघाट तिराहे से गिरफ्तार किया। दोनों के कब्जे सेदो फर्जी आधार कार्ड, 20 कूटरचित मिक्स फोटोग्राफ और बिहार कंबाइंड एंट्रेस कॉप्टेटिव परीक्षा 2021 का और नीट परीक्षा के प्रवेश पत्र बरामद हुए। दोनों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।
पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश के अनुसार नीट परीक्षा से संबंधित सारनाथ थाने में दर्ज मुकदमे में वांछितों की गिरफ्तारी को लेकर क्राइम ब्रांच की टीमें लगातार दबिश दे रही थीं। क्राइम ब्रांच के उप निरीक्षक राजकुमार पांडेय और उप निरीक्षक सूरज तिवारी को सूचना मिली कि नीट परीक्षा में धोखाधड़ी सहित विभिन्न आरोपों में गैर जमानती वारंट जारी वांछित आजमगढ़ तरवा के रसड़ा निवासी धनंजय चौहान और बिहार मधुबनी के जयनगर थाना अंतर्गत कमलाबाड़ी निवासी प्रमोद कुमार यादव चौकाघाट तिराहे पर मौजूद हैं। क्राइम ब्रांच की टीम ने घेराबंदी करते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की पूछताछ में प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि वह 2005 से पटना में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था लेकिन चयन नहीं हो पाने पर नीलेश उर्फ पीके और विकास के कहने पर मेडिकल की परीक्षाओं में सॉल्वर का काम करने लगा। वर्ष 2021 में नीट की परीक्षा में शिवम कुमार निवासी वीरभवा मोकरसीम सोनभद्र रॉबर्टगंज के स्थान पर सॉल्वर के रूप में परीक्षा दी।
परीक्षा का समय आने पर धनंजय ने मना कर दिया
शिवम के स्थान पर पहले धनंजय चौहान से बात तय हुई थी, इसीलिए शिवम का फार्म भरते समय धनंजय चौहान के साथ उसकी फोटो मिक्स कर फॉर्म भरा गया था लेकिन परीक्षा का समय आने पर धनंजय ने मना कर दिया तब मेरी फोटो मिक्स कर फर्जी आधार कार्ड तैयार कर नीलेश और विकास ने मुझे सॉल्वर के रूप में परीक्षा देने को कहा। हम लोगों के बीच दस लाख में बात तय हुई थी।
एडवांस में एक लाख मिले थे, जिसमें से 40 हजार मैंने व साठ हजार धनंजय ने लिए। शेष रुपए मुझे मिलने थे। वहीं आरोपी धनंजय चौहान ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2015 से पटना में रहकर नीट परीक्षा की तैयारी कर रहा था लेकिन कई बार परीक्षा देने के बाद भी चयन नहीं होने से वह पटना निवासी विकास महतो के संपर्क में आया, जिसनेनीलेश व अन्य लोगों से परिचय कराया।