अभी जारी रहेगा बारिश और गरज-चमक का दौर, कई इलाकों में बारिश ने बढ़ाई ठंड, फसलों को नुकसान की आशंका

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लखनऊ। बरसात के पूवार्नुमान के अनुरूप गरज-चमक और बारिश का दौर बृहस्पतिवार को जारी रहा। लखनऊ समेत प्रदेश के कई इलाकों में बरसात के चलते दिन का तापमान गिरा और ठंड बढ़ी। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी भाग में कई इलाकों में बारिश का दौर जारी रहेगा। विभाग ने नौ जनवरी तक कई प्रदेश में मेघ गर्जन और बारिश का पूवार्नुमान जारी किया था। मौसम बुलेटिन के मुताबिक, लखनऊ में 3.1 मिमी, कानपुर (आईएएफ) में 15.6, कानपुर नगर में 10.3, प्रयागराज में 4.6, उरई में 11, हमीरपुर में 14 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। कई अन्य शहरों में भी बारिश होती रही। दिन भर कोहरा, बदली और बारिश के चलते दिन के तापमान में गिरावट आई। कानपुर, झांसी, आगरा में अधिकतम तापमान 15-16 डिग्री के बीच रहा। जबकि इटावा, प्रयागराज, अलीगढ़ में 17-18 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुआ। वहीं न्यूनतम तापमान इटावा में 5 डिग्री रहा, अधिकतर जगह 10 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया। आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक, अभी यह स्थिति बनी रहेगी और बफीर्ली हवाएं गलन बढ़ाती रहेंगी। प्रदेश में बुधवार रात से लगातार हो रही बारिश से फसलों को नुकसान की आशंका गहरा गई है। गेहूं की फसल के लिए तो यह बारिश मुफीद है, लेकिन मसूर, चना, सरसों आदि फसलों के लिए यह बरसात नुकसान दायक है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि किसान खेत में पानी की निकासी का इंतजाम करें और फसल पर किसी भी दवा का छिड़काव न करें।
कृषि वैज्ञानिक संदीप चौधरी का कहना है कि इस बारिश में यदि दो घंटे भी पानी खेत में भरा रहा तो चना और मसूर की फसल नष्ट होने की स्थिति में आ जाती है। उसमें उकठा रोग लग जाता है। पौधें की पत्तियां और मुलायम भाग मुरझा जाता है। सरसों की फसल में फफूंद की आशंका बढ़ जाती है। फूल झड़ जाता है। ऐसे में किसान खेत में पानी न भरने दें। इसके अलावा फसल पर फिलहाल किसी भी कीटनाशक आदि का छिड़काव न करें। गन्ने की फसल को भी यह बारिश कोई नुकसान देने वाली नहीं है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश के बाद पाले का असर आना भी स्वाभाविक है। खास तौर से इन फसलों के साथ साथ आलू की फसल को इससे ज्यादा नुकसान होता है।

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