एजेंसीं न्यूज
कानपुर। बेहमई में दस्यु सुंदरी फूलन के गिरोह के डकैतों द्वारा एक साथ खड़ा करके 20 लोगों की हत्या करने के मामले में फैसले की घड़ी एक बार फिर टल गई। मूल केस डायरी न मिल पाने की वजह से फैसला अटका है, एसपी की ओर से एक बार फिर समय मांगने पर कोर्ट ने अब 18 मार्च की तारीख मुकर्रर की है।
40 साल पहले 14 फरवरी-1981 को सिकंदरा थाना क्षेत्र के बेहमई गांव में फूलन देवी, मुस्तकीम, रामऔतार व लल्लू गैंग में शामिल 35-36 डकैतों ने लूटपाट करने के बाद गांव के 26 पुरुषों पर गोलियां बरसाई थीं। इसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। घटना को लेकर वादी राजाराम सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था, जिसकी सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित कोर्ट में चल रही है। पांचों आरोपितों में से भीखा, विश्वनाथ उर्फ पुतानी उर्फ कृष्ण स्वरूप व श्याम बाबू जमानत पर हैं, जबकि पोसा जेल में बंद है। वहीं 13 फरवरी 2019 को जेल में राम सिंह की मौत हो गई थी।
बहस पूरी होने के बाद न्यायालय की ओर से फैसले की तिथि छह जनवरी नियत की गई थी। इस दिन आरोपित पक्ष की ओर से सुप्रीमकोर्ट की रुङ्क्षलग का हवाला दिया था। इसपर 18 जनवरी का समय दिया गया था लेकिन इस दिन मूलकेस डायरी को लेकर मामला फंस गया था। उसके बाद से तीन बार तारीख मिल चुकी है। 12 फरवरी की सुनवाई में कोर्ट ने 26 फरवरी का समय दिया था। बुधवार को फिर एसपी मूल केस डायर उपलब्ध नहीं करा सके और कोर्ट में समय की मांग की। जिला शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल ने बताया कि एसपी अनुराग वत्स के प्रार्थना पत्र पर न्यायालय ने अब 18 मार्च तक का समय दिया है। मूल केस डायरी पेश किए जाने के बाद कोर्ट फैसला सुनाएगी।