एजेंसीं न्यूज
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोगआरओ/ एआरओ यानी समीक्षा अधिकारी/ सहायक समीक्षा अधिकारी 2016 की मुख्य परीक्षा एक नवंबर को कराएगा। परीक्षा नियंत्रक अरविंद कुमार मिश्र की ओर से सूचना जारी कर दी गई है, जबकि प्रारंभिक परीक्षा पूर्व में घोषित तीन मई को ही कराई जाएगी। आयोग की ओर से 10 जनवरी को जारी परीक्षा कैलेंडर में इन परीक्षाओं का जिक्र नहीं था, लेकिन अब इसे शामिल किया जाएगा।
उप्र लोकसेवा आयोग ने वर्ष 2016 में आरओ-एआरओ के 303 पदों की भर्ती निकाली थी। इसकी प्रारंभिक 27 नवंबर, 2016 को दो पाली में उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में 827 केंद्रों में कराई गई थी, परीक्षा के लिए 3,85,192 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था। उनमें से 2,04,900 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा के दौरान लखनऊ के एक केंद्र से पेपर वाट्सएप पर वायरल हो गया। परीक्षा के बाद आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने लखनऊ के हजरतगंज थाना में दोनों प्रश्नपत्रों के आउट होने की रिपोर्ट दर्ज कराई।
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद उसकी जांच सीबीसीआइडी लखनऊ को सौंपी गई। जांच पूरी करके सीबीसीआइडी की टीम ने 29 सितंबर, 2018 को विशेष न्यायाधीश सीबीसीआइडी के कोर्ट में इस प्रकरण में अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की, लेकिन वादी अमिताभ ठाकुर रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हुए। उन्होंने अंतिम रिपोर्ट के विरुद्ध कोर्ट में आपत्ति दाखिल कर दी। इस पर विशेष न्यायाधीश सीबीसीआइडी ने एक जनवरी, 2020 को सीबीसीआइडी की अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर दिया। इसके बाद आयोग परीक्षा को निरस्त करके उसे नए सिरे से करा रहा है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने आरओ/ एआरओ यानी समीक्षा अधिकारी/ब सहायक समीक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) परीक्षा 2016 को 14 जनवरी को निरस्त कर दिया था। आयोग ने यह अहम निर्णय सपा शासन में परीक्षा का पेपर लखनऊ में लीक होने और निरंतर विवाद बढ़ने के कारण लिया। प्रदेशभर के प्रतियोगी छात्रों ने हंगामा किया था व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने पेपर लीक की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सीबीसीआइडी लखनऊ की जांच से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुआ और कुछ दिन पहले कोर्ट ने नए सिरे से जांच कराने का आदेश दिया है। यूपीपीएससी यह परीक्षा अब तीन मई 2020 को दोबारा कराएगा। इसके लिए किसी का आवेदन नहीं लिया जाएगा। जो अभ्यर्थी पहले परीक्षा में शामिल हुए थे उन्हीं को परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा।