बांकेबिहारी मंदिर में जमकर उड़ा वसंती गुलाल, ब्रज में होली का शुभारंभ

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एजेंसीं न्यूज
मथुरा। वसंती फूलों और पीले गुब्बारों से सजे ठा. बांकेबिहारी मंदिर में गुरुवार की सुबह कुछ अजीब थी। ऋतुराज बसंत के आगमन से सूरज की किरणों में अजीब लालिमा थी, पीतांबरी ओढ़े धरा दुल्हन सी सजी थी। हवा की कशिश गुदगुदा रही थी और ऐसा समां बने, तो मस्ती छा जाना लाजमी था। वसंत पंचमी पर ठा. बांकेबिहारी भी पीतांबर धारण किए थे, जिनके दर्शन कर भक्त भी आल्हादित हो रहे थे।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर के आंगन में गुरुवार को वसंती बयार ऐसी बही की हर कोई मदमस्त नजर आया। ठा. बांकेबिहारी ने भक्तों संग होली खेली। इस दौरान मंदिर में जमकर रंग और गुलाल की बौछार हुई। ऋतुराज बसंत के आगाज पर वसंती रंग में सजे ठा. बांकेबिहारी होली खेलते हुए भक्तों को अनुपम दर्शन आल्हादित कर रहे थे। होली के रसिया के बीच श्रद्धालुओं पर जब अबीर-गुलाल उड़ना शुरू हुआ तो हर कोई ठाकुरजी के इस रंग में सराबोर होने की कोशिश में जुट गया। हर किसी की इच्छा कि सबसे आगे पहुंचकर ठाकुरजी के प्रसादी रंग में सराबोर होकर जीवन धन्य बना लें।
विभिन्न प्रांतों से आए बांकेबिहारी के भक्तों का जमावड़ा मंदिर के पट खुलने से पहले ही लगा था। सभी अपने प्रिय ठाकुरजी के साथ होली के रंग में रंगने को आतुर दिखे। मंदिर में वसंतोत्सव पर्व पर परंपरा के अनुसार ठाकुरजी भक्तों संग होली खेलते हैं। सुबह नौ बजे मंदिर सेवायतों ने ठाकुरजी की ओर से रंग और गुलाल की बौछार शुरू कर दी।
वसंत पंचमी के अवसर पर देशभर से श्रद्धालु मथुरा और वृंदावन पहुंचे हैं। आश्रम और धर्मशालाओं में वसंतपंचमी की धूम नजर आ रही है। इस त्घ्योहार के साथ ही ब्रज में होली की शुरुआत हो गई है। आज जगह-जगह पीले रंग का गुलाल उड़ रहा है। पीत वस्घ्त्र से सजी महिलाएं पूजा-अर्चना कर रही हैं। वहीं होलिका दहन के लिए आज से ही होलिका को एकत्र करना आरंभ हो गया है। होलिका दहन के लिए ढाड़ा गढ़ गया है।

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