देहरादून। लोकसभा की महासचिव स्नेहलता श्रीवास्तव ने कहा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा की गई पहलों के कारण ही 17वीं लोकसभा के दो सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण रहे, जिसमें सभा में मामलों को उठाने के लिए नए सदस्यों को ज्यादा मौके दिए गए और अनेक विधानों को पारित किया गया।
देहरादून में पीठासीन अधिकारियों के अखिल भारतीय सम्मेलन का आगाज हो गया है। सम्मेलन के पहले विभिन्न विधानमंडलों के सचिवों की विधान सभाओं और परिषदों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष स्नेहलता ने कहा कि सदस्यों की क्षमता के विकास के लिए सभा के समक्ष विचाराधीन विधेयकों पर संक्षिप्त जानकारी देने संबंधी नौ सत्रों का आयोजन किय गया था। एक अन्य पहल के रूप में, सदस्यों को अपने विधायी और संसदीय कर्तव्यों के निर्वहन में सहायता प्रदान करने के लिए भी एक सूचना और संचार केंद्र की स्थापना की गई है।
इस केंद्र ने एक महीने की संक्षिप्त अवधि के दौरान संसद सदस्यों को 6800 टेलीफोन कॉलें की गई। श्विधानमंडलों में सभा की कार्यवाही से शब्दों को हटाए जाने की प्रक्रिया की समीक्षा किए जाने की आवश्यकताश् और श्लोगों तक पहुंचने के लिए विधानमंडलों के जरिए नए उपाय किए जानेश् विषयों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि नए डिजिटल, सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों के कारण सभा की कार्यवाहियों से शब्दों को हटाए जाने की प्रक्रिया की जल्द समीक्षा करने की आवश्यकता है।