मु0 रिज़वान
मुरादाबाद। नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में गरीब मरीजों के लिए सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवायें तो दे रही है मगर जमीनी स्तर पर वह मरीजों तक पहुंच नहीं पा रहीं है। महानगर की उपनगरी कहे जाने वाली करूला क्षेत्र में अखबार फैक्ट्री के मोड़ पर सलीम मेडिकल स्टोर में किराये की जगह में चलने वाले नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का हाल यह है कि यहां पिछले 14 महीने से बिजली ही नहीं है। बकाया के चलते 14 महीने पहले बिजली विभाग द्वारा यहां की सप्लाई काट दी गई तब से यह अस्पताल बिना बिजली के ही संचालित हो रहा है।
बुधवार को हुकूमत एक्सप्रेस टीम द्वारा जब इस अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो पाया गया कि यहां मरीज तो काफी संख्या में आते हैं मगर अस्पताल में बिजली न होने के कारण जहां गर्मी के मौसम में स्टाफ के साथ साथ मरीजो को भी परेशानी उठानी पड़ती है तो वहीं किसी भी तरह की कोई जांच नहीं हो पाती। स्टाफ नर्स नीलोफर ने बताया कि प्रतिदिन 100 के करीब मरीज यहां आते हैं। सर्दी, खासी, जुकाम, बुखार इत्यादि की दवाईयां मरीजो को दी जाती है मगर बिजली न होने के कारण यहां किसी भी तरह की कोई जांच नहीं हो पाती। अस्पताल में महिला चिकित्सक न होने के कारण प्रसूताओं को निराश होकर यहां से जिला महिला अस्पताल जाना पड़ता है। महिला मरीजो ंने बताया कि महिला चिकित्सक की कमी यहां काफी अखरती है। जिस इमारत में यह सरकारी अस्पताल चल रहा है उसके स्वामी सलीम मेडिकल वाले बताते हैं कि उन्होनें इसी मकसद से अस्पताल को किराये पर जगह दी थी कि क्षेत्र के गरीब लोगों को मुफ्त इलाज मिल सके मगर जो इलाज मिलना चाहिये चिकित्सको की कमी के कारण वह इलाज नहीं मिल पा रहा। सबसे बड़ी समस्या बिजली की है। भीषण गर्मी मंे भी स्टाफ पसीने मंे नहाता हुआ मरीजो को देखने में लगा रहता है। सबसे मेन चीज बिजली है वह अगर चालू हो जाये तो यहां जांचों का काम भी पूर्ण रूप से हो। अस्पताल में बाहर की रोशनी नहीं आ पाती इस वजह से बिना बिजली के अंधेरे में पर्चा आदि बनाने में काफी परेशानी होती है।
अब सवाल यह है कि आखिर वह कौन सा दिन होगा जब अस्पताल की बिजली बहाल होगी और यहंा आने वाले मरीजों को पूर्णरूप से इलाज मिल सकेगा। करूला जैसी आबादी के लिहाज से नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कम से कम एक महिला चिकित्सक की तैनाती तो होनी ही चाहिये।