3340 करोड़ रू. की समेकित सहकारी विकास परियोजना का शुभारम्भ रूद्रपुर में

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देहरादून 14 फरवरी, 2019 (सू.ब्यूरो)-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को गुरूवार को रूद्रपुर में विभिन्न योजनाओं का शुभारम्भ व जनसभा को संबोधित करना था। मौसम खराब होने की वजह से प्रधानमंत्री कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाये। फोन के माध्यम से जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने जनता से क्षमा मांगते हुए कहा कि मैं उत्तराखण्ड तो पहुंचा लेकिन मौसम की खराबी की वजह से रूद्रपुर में आयोजित कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाया। राज्य के विभिन्न हिस्सों से आये विशाल जनसमूह का उन्होंने इस कार्यक्रम में पहुंचने पर आभार व्यक्त किया। कुमाऊंनी भाषा में अपने सम्बोधन की शुरूआत करते हुए उन्होंने कहा कि वो जब भी देवभूमि उत्तराखण्ड आते हैं, उन्हें बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने बाबा केदार, योग और आध्यात्म, शौर्य और वीरता, मां गंगा, आदिगुरु शंकराचार्य जी की तपस्थली उत्तराखंड आने को अपना सौभाग्य बताया। आज एक बार फिर से इस धरती पर आकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लिए रुद्रपुर का बड़ा महत्व है। यहां औद्योगिक इकाइयों के जरिए राज्य के औद्योगिक विकास को गति मिल रही है, तो यह क्षेत्र किसानों का हब भी कहा जाता है। सिडकुल की स्थापना के बाद रूद्रपुर की पहचान अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात कि बेहद खुशी है कि चुनाव के दौरान किए गए अपने वादों को निभाने का उन्होंने भरसक प्रयास किया है। उन्होंने अपनी बात का दोहराते हुए कहा कि ये राज्य अटल जी की देन है और हमारी सरकार इसे संवारने की भरसक कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में रोड, रेल और एयर कनेक्टिविटी से लेकर किसानों, युवाओं और महिलाओं की प्रॉस्पैरिटी के लिए पिछले साढ़े चार साल में उत्तराखंड के समग्र विकास की दिशा में कई पहल की हैं। अब उत्तराखण्ड में साल के 12 महीने चार धाम यात्रा के श्रद्धालु आ सकते हैं। चारधाम ऑल वेदर रोड का कार्य तेजी से चल रहा है। यह प्रोजेक्ट न केवल कनेक्टिविटी मजबूत कर रहा है, बल्कि क्षेत्र में खुशहाली भी ला रहा है। उन्होंने आगे कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 4000 होटल कर्मियों और 1000 टूरिस्ट गाइडों का स्किल डेवलेपमेंट किया जाएगा। यानि 5 हजार युवा स्किल होकर रोजगार सुनिश्चित करेंगे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में रेल नेटवर्क बहुत सीमित है, लेकिन केन्द्र सरकार में रेल कनेक्टिविटी मजबूत करने के लिए उत्तराखण्ड को तीन गुना ज्यादा पैसा दिया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के बन जाने से न केवल चारधाम की यात्रा आसान होगी, बल्कि पहाड़ों पर भी रेल चलाने का सपना साकार हो सकेगा। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के अलावा डोईवाला-गंगोत्री-यमुनोत्री मार्ग पर भी रेल लाइन बिछाई जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि गढ़वाल और कुमाऊं के लोगों को जोड़ने के लिए नैनी-दून जनशताब्दी एक्सप्रेस शुरू की गई है। उत्तराखण्ड के सीमांत क्षेत्रों में रोड कनेक्टिविटी मजबूत हो, सीमांत क्षेत्रों के लोग देश के अन्य स्थानों से सीधे कनेक्ट हो सकें और यह सामरिक दृष्टि से भी जरूरी है इसलिए भारतमाला योजना के तहत 628 किलोमीटर लंबी सड़कों का नेटवर्क उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में बिछाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि सर्वे भवंतु सुखिना की भावना के साथ हमने देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को साल में पांच लाख रुपये तक निशुल्क इलाज देने के लिए आयुष्मान भारत योजना शुरू की है। आज देशभर में इस योजना से 12 लाख लोग निशुल्क उपचार करवा चुके हैं। 5 लाख 37 हजार परिवार इस योजना के दायरे में हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जी द्वारा एक कदम आगे बढा़ते हुए इस योजना को और भी ज्यादा व्यापक रूप दिए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से उत्तराखंड के समस्त परिवारों को आरोग्य प्रदान करने का बीड़ा उठाया स्वास्थ्य के क्षेत्र में निश्चित रूप से यह क्रांतिकारी कदम है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करते हुए एक स्वस्थ कार्यसंस्कृति का जन्म हुआ है। कामकाज का बेहतर पारदर्शी माहौल बना है, टॉप से लेकर बॉटम तक अधिकारियों की परफॉरमेंस और क्विक डिलीवरी की जिम्मेदारी तय हो रही है। उन्होंने उत्तराखण्ड सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले करीब दो साल में त्रिवेंद्र रावत जी एक साफ सुथरी और पारदर्शी सरकार देने में सफल रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में  समेकित सहकारिता विकास योजना की शुरुआत से छोटे मंझोले किसानों और संबंधित क्षेत्रों से जुड़े कास्तकारों को सीधा फायदा पहुंचने वाला है। 3340 करोड़ रुपए की इस योजना से कृषि, बागवानी, दुग्ध उत्पादन, पशुपालन, मत्स्यपालन से जुड़े लोगों को नया आयाम मिला है। उत्तराखंड में पलायन और रोजगार बड़ी समस्याएं रही हैं। इस योजना के बाद  राज्य के 55 हजार युवाओं को रोजगार से जुड़ने का मौका मिलेगा। करीब 50 लाख की आबादी को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर फायदा पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि बीज से लेकर बाजार तक की जिस व्यवस्था की बात हम करते हैं, वो आदर्श व्यवस्था इस योजना में लागू होगी। कास्तकारों को व्यवसाय शुरू करने या क्लस्टर खेती करने के लिए ऋण मिलेगा, उत्तम बीज मिलेगा, खाद मिलेगी। सहकारी समितियों के माध्यम से छोटी-छोटी जोत के किसानों के साथ ही बंजर भूमि पर क्लस्टर बनाकर सामूहिक खेती की जाएगी। सहकारी समितियां और मंडिया किसानों के उत्पादों की सीधी खरीद करेंगी। इस तरह योजना से जुड़े लोगों को उचित बाजार भी उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा धान की ऑनलाइन खरीद पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे पैसा सीधे किसानों के खाते में गया है। किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान किया जा चुका है। चीनी मिल मालिकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि गन्ना किसानों को समय पर भुगतान किया जाए।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि 18 साल में पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने एक कदम आगे बढ़ते हुए पहल की और पिछले वर्ष इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करवाया। पर्यटन के क्षेत्र में जो क्रांतिकारी कदम उत्तराखंड सरकार ने उठाए हैं, उससे आने वाले समय में इस राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। केंद्र के सहयोग से पिथौरागढ़ में पंचेश्वर बांध बनाया जा रहा है। इस बाँध से 5000 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकेगी। साथ ही चंपावत, पिथौरागढ़, ऊधमसिंह नगर के तराई क्षेत्रों को न सिर्फ पीने के साफ पानी की सप्लाई होगी बल्कि किसानों को सिंचाई के लिए भी पर्याप्त पानी मिल सकेगा।
इस अवसर पर नेशनल काॅपरेटिव डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर  श्री संदीप कुमार ने समेकित सहकारी विकास परियोजना की पहली किश्त का 100 करोड़ रूप्ये का चेक मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र को सौंपा।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत लघु एवं सीमान्त तथा गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सहकारी सदस्यों तथा महिला स्वयं सहायता समूहों को ब्याज रहित ऋण भी वितरित किया। सितारगंज के गुरूबख्श सिंह, खिर्सू (पौडी) के हरिकिशन व मुन्स्यारी के जसवंत सिंह को एक-एक लाख रूपये का ब्याज रहित ऋण दिया गया, जबकि शबनम व नई दिशा महिला स्वयं सहायता समूहों को 5-5 लाख रूपये का ब्याज रहित ऋण दिया गया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योेजना के तहत प्रदेश के 02 लाख कृषको को 1100 करोड रूपये के अल्पकालीन/फसली ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना से अधिक से अधिक महिला समूहो को भी लाभावन्वित किया जायेगा। इस परियोजना के अन्तर्गत लघु एवं सीमांत सहकारी सदस्यो को 01 लाख तथा स्वयं सहायता समूहो को ब्याजरहित ऋण दिया जायेगा। 2022 तक किसानो की आय दुगनी करने के प्रधानमंत्रीजी के लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रदेश मे दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना शुरू की गई थी, इस योजना के तहत 01 लाख 62 हजार 750 लघु एवं सीमांत कृषको को 807 करोड का ऋण मात्र 02 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जी ने हमेशा किसानों के हित को सबसे ऊपर रखा है। इसलिए पहली बार 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में लागत से डेढ़ गुना बढ़ोतरी की है। किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए बीज से लेकर बाजार तक की आदर्श व्यवस्था लागू की है। किसानों की इनपुट कॉस्ट कम करने और उन्हें इनकम सपोर्ट देने के लिए 2 हेक्टेयर तक या उससे कम जमीन वाले किसानों को सालाना 6 हजार रुपए की निश्चित राशि देने की योजना शुरू की है। यह पैसा सीधे किसानों के खाते में जाएगा। मुझे यह बताते हुए हर्ष है कि उत्तराखंड के करीब 92 फीसदी किसान, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विगत 03 फरवरी को श्रीनगर (जम्मू कश्मीर) से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत दूसरे चरण में देश के विभिन्न राज्यों में स्थापित होने वाले 70 नये माॅडल डिग्री काॅलेजों, 11 व्यवसायिक काॅलेजों, एक महिला विश्व विद्यालय तथा 60 से अधिक उद्यमिता व नवाचार से संबंधित उच्च शिक्षण संस्थाओं का वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया था जिसमें उत्तराखण्ड के किच्छा एवं लागढ़ांग में दो नये माॅडल डिग्री काॅलेज के साथ ही पैठाणी में एक व्यवसायिक महाविद्यालय का शिलान्यास भी शामिल था।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि केन्द्रीय जलायोग की तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा जमरानी बाँध के सभी बिन्दुओं और तकनीकी पहलुओं की गहन जाँच के बाद जमरानी बाँध के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी गयी है। 09 किलोमीटर लम्बे, 130 मीटर चैड़े और 485 मीटर ऊँचे इस बाँध के निर्माण से 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन के साथ ही पेयजल व सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि नैनीताल पेयजल योजना का भी तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा अध्ययन कर लिया गया है। आशा है कि शीघ्र ही इस योजना के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति प्राप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के निर्माण से नैनी झील के जलस्तर को बनाए रखने में भी सहायता मिलेगी। नैनी झील के रखरखाव के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्व में भी 20 करोड़ रूपये जारी किए गए थे। 200 करोड़ लागत की मसूरी पेयजल योजना को केन्द्र से सैद्धान्तिक मंजूरी मिल गयी है। उन्होंने कहा कि मसूरी में ग्रीष्मकाल में पर्यटकों का आवागमन बढ़ जाने से पानी की समस्या बढ़ जाती है, इस योजना के धरातल पर उतरने के बाद मसूरी क्षेत्र के लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल सकेगी। केन्द्र द्वारा सैद्धान्तिक स्वीकृति मिलने से इस योजना के निर्माण के लिए शीघ्र ही आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
इस अवसर पर केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावर चंद गहलोत,  सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, डाॅं. रमेश पोखरियाल निशंक, केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, सांसद माला राजलक्ष्मी शाह, कैबिनेट मंत्री श्री यशपाल आर्य, श्री अरविन्द पाण्डेय, श्री मदन कौशिक, श्री सुबोध उनियाल, श्री हरक सिंह रावत, श्री सतपाल महाराज, राज्य मंत्री डाॅ. धनसिंह रावत, श्रीमती रेखा आर्य, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री अजय भट्ट, स्थानीय विधायक श्री राजकुमार ठुकराल एवं विधायक गण व मेयर उपस्थित थे।

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