दो माह बाद भी टूटी पुलिया का निर्माण नहीं

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हुकूमत एक्सप्रेस
मुरादाबाद। वार्ड 41 के लोनिवि के जेई अनुज कुमार के पास ठेकेदारों द्वारा किये गये निर्माण कार्यों को परखने का समय नहीं है। यही वजह है कि इस वार्ड के एक इलाके में हुए काम में जमकर घालमेल किया गया और कार्य को आधा अधूरा छोड़ दिया गया है। इससे लोगों को परेशानी तो हो ही रही है साथ ही लोग नगर निगम के ठेकेदारों व वार्ड के जेई की कार्यशैली पर भी सवाल उठाने लगे है। वार्ड के पार्षद भी कार्य की इस लापरवाही के बारे में कुछ नहीं कर पा रहे है।
वार्ड 41 के सीधी सराय में फंसियो गली में दो माह पहले जलकल विभाग द्वारा पाईप लाईन डाली गयी थी जो कि मानकों को ताक पर रखकर एक फिट की गहराई पर भी नहंी डाली गई। इसके अलावा पाईप लाईन डाले जाने के दौरान क्षतिग्रस्त गली के मरम्मत कार्य को टुकड़ो में दो ठेकेदारों से कराया गया। पहला कार्य नवाब जान की दुकान से हिफजुर्रहमान के घर व सैफुल के मकान तक एवं स्व0 हबीब अख्तर कादरी के मकान तक हुआ। इसमें नाली व सड़क का निर्माण के साथ साथ बाहर पुलिया का निर्माण कार्य शामिल था। गली के लोगों का आरोप है कि ठेकेदार ने उल्टा सीधा काम कर अपना पलड़ा झाड़ लिया और पुलिया को ऐसे ही टूटा छोड़ दिया। नाली के डंडे ऐसे बनाये गये हैं कि वह कुछ ही समय में गिर जायेंगे। साथ ही पुलिया टूटी होने से आने जाने वालों को परेशानी हो रही है। हालांकि गली के एक दूसरे हिस्से का कार्य ठेकेदार सईदउदद्ीन उर्फ मार्शल द्वारा कराया गया जिसमें नई ईंटे बिछाई गई और काम भी पूरी गुणवत्ता के साथ हुआ जिसे लोगों ने पसंद भी किया। परन्तु पहले वाला कार्य लोग बिल्कुल बेकार बता रहे है। लोगों का कहना है कि वार्ड 41 के जेई अनुज कुमार द्वारा ना तो अभी तक कार्य का निरीक्षण किया गया और न ही टूटी पुलिया को ठेकेदार द्वारा बनाने के कोई आदेश दिये जा रहे जिससे कि लोगों को परेशानी से निजात मिल सके। लोग पार्षद इस्मत जहां के पिता रईस अहमद के पास चक्कर लगा लगाकर थक चुके है। इस बारे में पार्षद पिता का कहना है कि वह क्या करें उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। महीनो से टूटी पड़ी पुलिया फसियों गली के लोगों के लिए दुर्घटना का सबब बनी हुई है।
कार्यालयो में बैठकर स्मार्ट सिटी की बातें करने वाले नगर निगम के अधिकारी धरातल पर उतरकर हकीकत जानना नहीं चाहते वरना ऐसा नहीं होता कि नगर निगम के ठेकेदार सारे मानकांे को ताक पर रखकर इस तरह आधे अधूरे कार्य करते है। लगता है कि ठेकेदारों को नगर आयुक्त व महापौर का भी कोई खौफ नहीं है। उन्हें इस बात का भी डर नहंी कि निरीक्षण में उनका कार्य फेल हो गया तो क्या होगा? मंगलवार को शब-ए-बारात के मौके पर भी गली के लोगों को एक टूटी पुलिया से ही कूदते फांदते हुए इबादत के लिए जाना पड़ा। ठेकेदार ने पुलिया का कार्य क्यूं पूरा नहंी कराया इसका जवाब न तो पार्षद के पास है और न ही जेई अनुज कुमार के पास। ठेकेदार अपनी मर्जी से जैसे चाहे काम कर रहे हैं और सम्बन्धित जेई के पास उनके कार्याें के निरीक्षण का समय ही नहंी जो वह इस घालमेल को देख सकें।
यहां यह भी बता दें कि इसी गली का लगभग 60 मीटर का अंदर का टुकड़ा बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। गली के लोग पार्षद से इस बारे में कह कह कर थक चुके हैैं। मगर इसकी भी कोई सुध नहीं ली जा रही।

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