भदोही में बड़ा फ्रॉड, नकली सोना रखकर ले लिया 33 लाख का लोन, 3 बैंकों को लगाया चूना
तीन बैंकों से गोल्ड लोन के लिए नकली आभूषण बंधक रखे गए और 33 लाख रुपये से ज्यादा का लोन एक साजिश के तहत ग्राहकों को दिलाया गया।
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले से बड़ी खबर सामने आई है। यहां एक बैंक में नकली आभूषण गिरवी रखकर गोल्ड लोन दिलाने की धोखाधड़ी के मामले की विवेचना के दौरान अलग-अलग बैंकों के दो और मामले सामने आए हैं। पुलिस ने बताया कि तीन बैंकों से गोल्ड लोन के लिए नकली आभूषण बंधक रखे गए और 33 लाख रुपये से ज्यादा का लोन एक साजिश के तहत ग्राहकों को दिलाया गया। बैंकों को भारी नुकसान पहुंचाने के आरोप में बैंकों की ओर से नियुक्त स्वर्ण जांचकर्ता फर्म भावना ऑर्नामेंट्स के स्वामी राजू सेठ और 12 अन्य ग्राहकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस अधीक्षक मीनाक्षी कात्यायन ने गुरुवार को बताया कि गोपीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की गोपीगंज शाखा के प्रबंधक राजन सांडेवार की तहरीर पर राजू सेठ के साथ ही प्रदीप कुमार, दिनेश चंद्र, धीरज कुमार, अखिलेश कुमार के खिलाफ धारा 419 ,420 ,409 और 120 B के तहत बुधवार रात मुकदमा दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि राजू सेठ के अनुमोदन पर इन चारों लोगों को 1 अप्रैल से 31 मई के बीच कुल 11,74,422 रुपये का गोल्ड लोन दिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इससे पहले मंगलवार को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ज्ञानपुर शाखा के प्रबंधक फुरकान अली खान की तहरीर पर राजू सेठ और लोन लेने वाली आरती देवी, अजय कुमार, रजनीश और ज़ुबैद आलम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 ,420 ,406 और 120B के तहत ज्ञानपुर थाना में मामला दर्ज किया गया। उन्होंने बताया की पूर्व में तैनात शाखा प्रबंधक गुलाब सिंह के कार्यकाल में 5 अप्रैल, 2024 से 9 मई, 2024 बीच बैंक की ओर से राजू सेठ के अनुमोदन पर आरती देवी, अजय, रजनीश और ज़ुबैद को कुल 13,50,687 रुपये का गोल्ड लोन दिया गया था।
उन्होंने बताया कि 27 सितंबर, 2024 को प्रयागराज के फूलपुर स्थित ए यू ऑर्नामेंट्स प्राइवेट लिमिटेड से बंधक रखे गए गोल्ड आभूषण की दोबारा जांच कराने पर बैंक में बंधक रखे गए सभी आभूषण नकली पाए गए। कात्यायन ने बताया कि एक अन्य बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की गोपीगंज शाखा में भी इसी तरह के फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। इस बैंक ने भी राजू सेठ के अनुमोदन पर राम सिंह, मनोज कुमार, विनोद कुमार और निर्मला देवी को कुल 8,05,256 रुपये का गोल्ड लोन दिया गया था। इस संबंध में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक दुर्गेश एन. सिंह ने तहरीर देकर बताया कि बैंक में बंधक रखे गए आभूषण की जांच, बैंक के केंद्रीय कार्यालय में कराई गई और सभी आभूषण नकली पाए गए। इस संबंध में बुधवार को सभी पांचों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि तीनों बैंक ने गोल्ड आभूषण की जांच के लिए मेसर्स भावना ऑर्नामेंट्स को नियुक्त किया था। तीन बैंकों को इस धोखाधड़ी में 33,30,365 रुपये का नुकसान हुआ है।