हरिद्वार में कांवड़ मेला 2024 का ऐसे हुआ समापन

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हरिद्वार में कांवड़ मेला 2024 का ऐसे हुआ समापन
हल्की-हल्की बरसात के बीच आज भारी तदाद में श्रद्धालु हर की पैड़ी पर मौजूद थे। हर-हर महादेव के जयकारे के बीच लोगों ने दक्षेश्वर महादेव में पूजा-अर्चना की। शिवरात्रि के दिन देशभर के मंदिरों को सजाया गया था। मंदिरों में विधि-पूर्वक भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया।
हरिद्वार: शुक्रवार के दिन यानी 2 अगस्त को शिवरात्रि के मौके पर हरिद्वार में चल रहे रहे कांवड़ मेला 2024 का समापन विधि पूर्वक किया गया। हरिद्वार के डीएम-एसएसपी के द्वारा इसकी घोषणा की गई। अधिकारियों ने इस दौरान दक्षेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की। अधिकारियों ने यहां शिव मंदिर में गंगा जल चढ़ाया। प्रदेश की समृद्धि की प्रार्थना की और कार्यक्रम के सफल समापन पर आभार व्यक्त किया। इस दौरान हरिद्वार का मौसम भी सुहावना बना रहा। हल्की-हल्की बरसात के बीच भारी तदाद में श्रद्धालु हर की पैड़ी पर मौजूद थे। हर-हर महादेव के जयकारे के बीच लोगों ने दक्षेश्वर महादेव में पूजा-अर्चना की।इस मौके पर डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल व एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल मौजूद रहे। शिवरात्रि के दिन देशभर के मंदिरों को सजाया गया था। सुबह से शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। जगह-जगह भंड़ारे का आयोजन भी किया गया था। मंदिरों में विधि-पूर्वक भगवान शिव का जलाभिषेक किया गया। वहीं, बीते दिनों घर लौट रहे कांवड़ियों पर यूपी में जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई।
मालूम हो कि हर साल सावन में शिव भक्तों के द्वारा कांवड़ उठाया जाता है। दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले शिव भक्त हरिद्वार से पवित्र गंगा जल लाते हैं और शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार, जो लोग कांवड़ यात्रा करते हैं, उनसे शिव बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। साथ ही उनकी सभी मनोकामना को पूर्ण करते हैं। हर साल सैकड़ों की तदाद में लोग कांवड़ उठाते हैं और शिव से अपनी मनोकामना को पूर्ण करने की मन्नत मांगते हैं।शिव भक्त अपने कंधों पर बांस की एक लकड़ी को कंधे पर रखते हैं और इसकी दोनों तरफ टोकरियां होती हैं, जिनमें कांवड़िये गंगाजल भरते हैं और लंबी यात्रा तय करते हैं। आज शिवरात्रि के मौके पर शिव मंदिरों में जलाभिषेक से कांवड़ मेला पूर्ण रूप से समाप्त हुआ है।