आंध्र प्रदेश के चिडिय़ाघर में बाघ के एक मादा शावक की मौत, नेफ्रैटिस नामक बीमारी से थी पीडि़त

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तिरुपति,31 मई (आरएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले से तीन महीने पहले बचाए गए बाघ के चार मादा शावकों में से एक की बीमार होने के बाद यहां के एक चिडिय़ाघर में मौत हो गई. एक वन अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. चिडिय़ाघर में तीन अन्य मादा शावकों के साथ दो महीने से अधिक समय बिताने वाली पांच महीने की शावक पल्मोनरी एडिमा और नेफ्रैटिस नामक बीमारी से पीडि़त थी.
तिरुपति चिडिय़ाघर के संरक्षक सेल्वम ने बताया, शावक की सोमवार को सुबह मौत हो गई. प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि उसकी मौत पल्मोनरी एडिमा और नेफ्रैटिस नामक बीमारी की वजह से हुई. नेफ्रैटिस में गुर्दों में सूजन आ जाती है वहीं पल्मोनरी एडिमा में फेफड़ों में अधिक मात्रा में पानी एकत्र हो जाता है. पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग ने उसके अंदरूनी अंगों को विश्लेषण के लिए प्रयोगशाला में भेज दिया है.
उन्होंने बताया कि शेष तीन शावक ठीक हैं और उनकी गतिविधियां सामान्य हैं. एहतियात के तौर पर उनके रक्त के नमूने लिए गए थे जिसके परीक्षण की रिपोर्ट सोमवार को आने की उम्मीद है. सेल्वम ने बताया कि जिस शावक की मौत हुई है वह कुछ दिनों से ठीक से खा नहीं रहा था. इसके अलावा उसमें स्वास्थ्य ठीक न होने के अन्य लक्षण नहीं दिखे.

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